हरियाणा में वायु प्रदूषण के स्तर में चार गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बीते शुक्रवार को हुई बारिश से हरियाणा के कई शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 100 के नीचे दर्ज किया गया था। दिवाली की रात हुई आतिशबाजी से राज्य के 12 शहरों का एक्यूआई 300 से पार चला गया।
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने माना है कि दिवाली के बाद प्रदूषण बढ़ने की बड़ी वजह आतिशबाजी रही है
- राज्य में पटाखे फोड़ने की अनुमति रात आठ से दस बजे तक थी, मगर राज्य के अधिकांश शहरों में आतिशबाजी शाम होते ही शुरू हो गई थी, जो देर रात होती रही।
- इससे रात नौ बजे के बाद ही वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी शुरू हो गई थी। कहीं भी प्रशासन की ओर से सख्ती नहीं दिखी। वहीं, दिवाली की रात पराली भी धड़ल्ले से जलाई गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार फरीदाबाद का एक्यूआई 370, कैथल का 361, फतेहाबाद का 322, हिसार का 303, जींद का 344, बल्लभगढ़ का 337, धारूखेड़ा का 343, गुरुग्राम का 349, कुरुक्षेत्र का 307, मानेसर का 328 और पानीपत का एक्यूआई 311 रिकॉर्ड किया गया। वहीं, बहादुरगढ़, भिवानी, करनाल, सोनीपत, यमुनानगर का एक्यूआई 250 से ऊपर रिकॉर्ड किया गया।
- वहीं, दिवाली की आड़ में पंजाब-हरियाणा में कई जगह धड़ल्ले से पराली जलाई गई। हरियाणा में दिवाली की रात 12 नवंबर को 110 जगह पराली जलाने की मामले सामने आएं, वहीं पंजाब में 987 मामले रिकॉर्ड किए गए।
- हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य के सभी उपायुक्तों से प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों की रिपोर्ट मांगी है।