देश में कोरोना वायरस के संक्रमितों का आंकड़ा 91 लाख के पार हो गया है। इसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ आज बैठक की। इनमें दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और राजस्थान शामिल है। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने समीक्षा बैठक में कहा, ‘कुछ लोग कोरोना वैक्सीन के आने का वक्त पूछ रहे है, वैक्सीन को लेकर राजनीति कर रहे है। मैं उन्हें राजनीति करने से रोक तो नहीं सकता। लेकिन, वैक्सीन आने का समय हम तय नहीं कर सकते, ये वैज्ञानिकों के हाथ में है। वैक्सीन हर कसौटी पर खरी होगी, लेकिन अभी इस पर काम चल रहा है। वैक्सीन की कीमत क्या होगी? इसकी डोज कितनी होगी, ये अभी तय नहीं हुआ है।
पीएम मोदी ने कहा, ‘ केंद्र और राज्य सरकारों की संयुक्त कोशिशों के बाद भारत कोरोना से निपटने में आज बाकी देशों से कहीं बेहतर स्थिति में है। हमारा रिकवरी रेट बढ़ रहा है और डेथ रेट लगातार कम हो रहा है। हमें आगे भी ऐसे ही प्रयास जारी रखने है। कोरोना से रिकवरी रेट बढ़ने के बाद लोगों में लापरवाही बढ़ गई है, लेकिन मैं बार-बार कहता हूं कि जब तक दवाई नहीं आ जाती है तब तक ढिलाई नहीं बरतनी है।’ मोदी ने लोगों को आगाह करते हुए शायराना अंदाज में कहा- ‘हमें ऐसी स्थिति नहीं लानी है जिससे यह कहना पड़े कि हमारी किश्ती वहां डूबी जहां पानी कम था।’
पीएम मोदी ने कहा कि वैक्सीन आने पर फ्रंटलाइन वर्कर्स सभी की प्राथमिकताएं होनी चाहिए, केंद्र-राज्यों को एक साथ काम करना होगा। इसके अलावा पीएम मोदी ने भरोसा दिलाया कि वैक्सीन उपलब्ध कराने का काम पारदर्शी तरीके से होगा। वैक्सीन को लेकर सभी राज्य अपने सुझाव लिखित में दें, किसी पर फैसला थोपा नहीं जाएगा।