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कोरोना संक्रमण से जूझ रही दिल्ली में वैक्सीन लगभग खत्म होने को है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैने ने आज शुक्रवार को कहा कि कोवैक्सीन का स्टॉक लगभग खत्म हो चुका है। हमारे पास केवल 18- 44 वर्ष आयु वर्ग के लिए कोविशीशील्ड टीके का 2-3 दिनों का स्टॉक है। हम पहले से ही कोवैक्सिन और कोविशिल्ड टीकों के लिए निर्धारित केंद्रों को नहीं मिला सकते हैं। वहीं स्वास्थ्य मंत्री जैन ने ये भी बताया कल दिल्ली में कोरोना के 10 हजार 489 मामले दर्ज किए गए और संक्रमण दर 14.24% रही। दिल्ली में उच्चतम संक्रमण दर 36% थी, इसलिए अब यह आधे से भी कम है।

दरअसल, कोवैक्सीन का स्टॉक खत्म होने के चलते दिल्ली में 100 से अधिक टीकाकरण केंद्रों को अस्थाई तौर पर बंद करना पड़ा है। आम आदमी पार्टी की आतिशी ने गुरुवार को कहा कि ”दिल्ली में 45 साल से अधिक आयु के लोगों, स्वास्थ्य र्किमयों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात र्किमयों के लिये कोवैक्सीन टीकों का तीन दिन और कोविशील्ड टीकों का दो दिन का भंडार बचा है। हम इस श्रेणी के लोगों के लिये सरकार से और अधिक खुराकें उपलब्ध कराने का अनुरोध करते हैं।”

आतिशी ने कहा कि दिल्ली को 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों, स्वास्थ्यर्किमयों और अग्रिम मोर्चे के र्किमयों के लिये अब तक 43.20 लाख खुराकें मिली हैं। इनमें से 40.29 लाख खुराकों का इस्तेमाल किया जा चुका है। दिल्ली में 18 साल से अधिक आयु के लिये कोवैक्सीन टीकों का भंडार पहले ही खत्म हो चुका है। लिहाजा भारत बायोटेक द्वारा बनाया गया यह टीका लगा रहे अधिकतर टीकाकरण केन्द्र अगले आदेश तक अस्थायी रूप से बंद हैं।

वहीं गुरुवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 45 प्लस आयु वर्ग वालों को बड़ी राहत देते हुए घोषणा की है कि 45 प्लस आयु वर्ग के लोग अब बिना रजिस्ट्रेशन करवाएं सीधे वैक्सीनेशन केंद्रों पर जाकर टीका लगवा पाएंगे। वैक्सीनेशन केंद्रों पर ही उनका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। वैक्सीनेशन केंद्रों को अस्पतालों से शिफ्ट कर दिल्ली के सरकारी स्कूलों में खोला जाएगा। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 18 से 45 आयु वर्ग के लोगों के लिए 3 मई से वैक्सीनेशन केंद्रों की शुरुआत की गई थी। इसके बेहतर परिणामों को देखते हुए सरकार ने 45 प्लस आयु वर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन केंद्र सरकारी स्कूलों में शिफ्ट करने का निर्णय लिया है।