पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस से जूझ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक कोरोना की वैक्सीन बन कर तैयार नहीं हो जाती तब तक इस वायरस से छुटकारा नहीं पाया जा सकता है। भारत में वैक्सीन का विकीस तेजी पर है और वैक्सीन के वितरण की तैयारियां चल रही हैं। केंद्र स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का कहना है कि विशेषज्ञों के परामर्श के बाद, हमने कोरोना वैक्सीन के लिए 30-करोड़ लोगों को प्राथमिकता दी है। इसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता, पुलिस, सैन्य और स्वच्छता कर्मचारी, 50 साल से ऊपर के लोग और 50 साल से कम उम्र के वो लोग शामिल हैं जो गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं।

हर्षवर्धन ने कहा कि हमने वैक्सीन की पहली खुराक के लिए 30 करोड़ लोगों का चुनाव किया है। उन्होंने आगे कहा कि जब हम सभी को वैक्सीन दे सकेंगे वो एक आदर्श स्थिति होगी। लेकिन अभी सरकार ने विशेषज्ञों के साथ पैनल में चर्चा करने के बाद निर्णय लिया है कि पहले किसे वैक्सीन दी जाएगी। जिसमें हेल्थ वर्कर, मिल्ट्री, स्वच्छता विभाग आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस लिस्ट में हर तरह के प्रतिनिध शामिल हैं इनमें कुछ मंत्रालयों के राज्यों सरकारों के, वैक्सीन एक्सपर्ट आदि शामिल हैं। हर्षवर्धन ने बताया कि डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन्स का अध्यन करने के बाद ये निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि पहली एक करोड़ वैक्सीन हेल्थ वर्कर्स के लिए होगी। जिसमें पब्लिक और प्राइवेट दोनों सेक्टर के लोग शामिल होंगे। वैक्सीन लगाने का ब्यौरा देते हुए हर्षवर्धन ने बताया कि फील्ड पर काम कर रहे मिल्ट्री फोर्सेज़, स्वच्छता अधिकारियों की संख्या लगभग 2 करोड़ जिन्हें टीका लगाया जाएगा। इसके अलावा 50 साल से ऊपर के हर व्यक्ति को टीका लगाने की श्रेणी में रखा है ऐसे लोगों की संख्या 26 करोड़ हैं। वैक्सीन के लिए उन लोगों को भी शामिल किया गया है जो 50 साल से कम उम्र के हैं। लेकिन उन्हें गंभीर बिमारियां है। ऐसे लोगों की संख्या लगभग 1 करोड़ रखी गई है। इसके अलावा सरकार वैक्सीन वितरण पर काम कर रही है। सरकार सभी को वैक्सीन पहुंचाने के प्रयासों में लगी हुई है।

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