कोरोना वायरस से निपटने के लिए डीआरडीओ द्वारा ‘2-डीजी’ दवा तैयार की गई है. इस दवा की 10 हजार डोज का पहला बैच आज या कल में मिलने की उम्मीद है. इसके साथ ही भविष्य को देखते हुए इसके उत्पादन को बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है. डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा की गई ये दवाई को आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी गई है, जो कोरोना वायरस से लड़ने में काफी सहायक है.
हैदराबाद के अलावा अन्य केंद्रों पर ‘2-डीजी’ का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू किया जा रहा है. इस दवा के बारे में बताते हुए DRDO के एक अधिकारी ने बताया कि ये दवा कोरोना मरीजों को रिकवर होने में और ऑक्सीजन पर उनकी निर्भरता को कम करती है. यानी इसे लेने के बाद मरीज कोरोना वायरस से जीतने में कम समय ले रहे हैं, जल्दी सही हो रहे हैं. दूसरी तरफ उन्हें ऑक्सीजन की भी कम ही जरूरत पड़ रही है. वैज्ञानिकों ने बताया कि जब कोई वायरस शरीर के अंदर प्रवेश कर जाता है, तो मानव कोशिकाओं को धोखा देकर अपनी प्रतियां बनाता है, साफ शब्दों में कहा जाए, तो अपनी संख्या बढ़ाता है. इसके लिए वह कोशिकाओं से बड़ी मात्रा में प्रोटीन लेता है. डीआरडीओ द्वारा तैयार की गई दवा एक “सूडो” ग्लूकोज है, जो इसकी क्षमता को बढ़ने से रोकती है.
D-glucose (2-DG) दवा को DRDO के परमाणु चिकित्सा और संबद्ध विज्ञान संस्थान ने हैदराबाद स्थति डॉ. रेड्डी लेबोरेटरीज के साथ तैयार किया है. DRDO ने बताया है कि इसे बेहद आसानी से उत्पादित किया जा सकता है, इसलिए देशभर में जल्दी ही आसानी से उपलब्ध भी हो जाएगी. क्योंकि इसमें बेहद जेनेरिक मॉलिक्यूल हैं और ग्लूकोस जैसा ही है.