देश में सोमवार की शाम तक कुल 60 लाख से अधिक लोगों को कोरोना रोधी टीका लगाया जा चुका है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत ने दुनिया में सबसे तेजी के साथ सिर्फ 24 दिनों में यह सफलता हासिल की है। अमेरिका में 60 लाख लोगों के टीका लगाने में 26 दिन और ब्रिटेन में 46 दिन लगे थे। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को कहा कि कोरोना का टीका उपलब्ध होने का मतलब यह नहीं है कि किसी को लापरवाह हो जाना चाहिए। हर्षवर्धन ने कहा कि निवारक उपायों का अभी और निकट भविष्य में भी पालन किया जाना जरूरी होगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हर्षवर्धन ने विभिन्न परिवहन यूनियनों के बीच मास्क और साबुन के वितरण संबंधी कार्यक्रम की अध्यक्षता की। हर्षवर्धन भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी (आइआरसीएस) के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा, मैं कोरोना गतिविधियों के तहत मास्क वितरित करने की पहल का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं।
बयान में उनके हवाले से कहा गया है, दिल्ली में ही हमने रेलवे स्टेशनों, सब्जी मंडियों और अन्य स्थानों पर संक्रमण की अधिक आशंका पर विचार करते हुए मास्क वितरित किए हैं। हर्षवर्धन ने कहा कि भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी के प्रयास सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि टीका आने के बाद भी कोरोना से बचने के लिए एहतियाती उपायों का पालन किया जाना चाहिए। सरकार ने दुनिया में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान पहले ही शुरू कर दिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने बताया कि सोमवार की शाम तक 1,24,774 सत्रों के जरिये कुल 60,35,660 लाभार्थियों को कोरोना रोधी वैक्सीन दी जा चुकी है। इनमें 54,12,270 स्वास्थ्यकर्मी और 6,23,390 फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं। फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण दो फरवरी से शुरू हुआ था। अगनानी ने कहा कि 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में को-विन प्लेटफार्म पर पंजीकृत स्वास्थ्यकर्मियों में से 65 फीसद को वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
इन राज्यों में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, त्रिपुरा, मिजोरम, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और केरल शामिल हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, दादर एवं नगर हवेली, चंडीगढ़, तमिलनाडु, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर और पुडुचेरी में 40 फीसद से भी कम पंजीकृत स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया है।