Bharat Vritant

भारत आगामी कुछ महीनों तक कोविड-19 टीकों के निर्यात को संभवत: विस्तार नहीं देगा, क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के मद्देनजर उसका ध्यान घरेलू मांग को पूरा करने पर केंद्रित हो गया है। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि भारत विभिन्न देशों से की जा चुकी मौजूदा प्रतिबद्धताएं पूरी करेगा, लेकिन घरेलू मांग पूरा करने के लिए आगामी कुछ महीनों के लिए निर्यात नहीं बढ़ाएगा। उन्होंने बताया कि दो-तीन महीनों बाद हालात की समीक्षा की जाएगी। भारत ने विदेशों में टीके की आपूर्ति करना 20 जनवरी से शुरू किया था। भारत अब तक करीब 80 देशों में टीके की छह करोड़ चार लाख खुराक भिजवा चुका है।

बता दें कि पिछले सप्ताह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने राज्यसभा में कहा था कि देशवासियों की कीमत पर भारत टीके का निर्यात नहीं करेगा। उन्होंने कहा वह संसद के माध्यम से विश्वास दिलाना चाहते हैं कि कोरोना टीके का निर्यात सरकार प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर कर रही है। कहीं से भी भारतीय नागरिकों की कीमत पर टीके को बाहरी देशों को नहीं बेचा जा रहा है। इसके लिए सरकार के उच्चतम स्तर और समितियों के विशेषज्ञ सामंजस्य बैठाकर इसके लिए स्वीकृति प्रदान कर रहे हैं। वर्धन पहले भारतीय को टीका लगाने की सांसदों द्वारा उठाए गए सवालों और पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे।

शून्यकाल में कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने कोरोना के लगातार बढ़ने और धीमी गति हो रहे टीकाकरण का मुद्दा उठाया। सिंह ने कहा कोरोना खतरनाक गति से बढ़ रहा है। अब तक केवल 0.35 फीसदी लोगों को ही टीका लगा है। इस दर पर पूरी आबादी को टीकाकरण करने में 18 साल लगेंगे। उन्होंने सरकार से टीकाकरण को गति देने का अनुरोध किया। गोहिल ने कहा टीकाकरण की दर को भी कम करना चाहिए। इससे आम जन भी तेजी के साथ बचाव के लिए टीका लगवा सकेंगे। उन्होंने कहा केंद्र सरकार को वैक्सीन ड्राइव के विभिन्न कारकों को ध्यान में रखकर टीकाकरण अभियानों का संयोजन करना चाहिए।

हर्षवर्धन ने मंगलवार (16 मार्च) को राज्यसभा में बताया था कि भारत इस समय दुनिया के 72 देशों को कोरोना वैक्सीन आपूर्ति कर रहा है और इस वजह से भारत की हर तरफ तारीफ हो रही है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि घरेलू जरूरत के लिए भी कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी जरूरत की वैक्सीन सरकारी और निजी अस्पतालों में उपलब्ध कराने के साथ-साथ दुनिया के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की ओर से निर्धारित मानदंडों के अनुरूप ही देश में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराई जा रही है।