कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के चलते कई लोग बेघर हो गए हैं, वहीं इस दौरान सैकड़ों बच्चे अनाथ हो गए हैं. ऐसे में ओडिशा सरकार ने राज्य में अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाने का फैसला किया है. सरकार ने अनाथ बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देने की बात कही है. दरअसल वर्तमान में राज्य में 35 बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को महामारी में खो दिया है. इसलिए सभी जिलों के तहसीलदारों को महामारी के चलते अनाथ हुए सभी बच्चों के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया है. वहीं अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा सरकार उन सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करेगी, जिन्होंने अपनी ‘ग्रीन पैसेज’ योजना के तहत कोविड 19 महामारी में अपने माता पिता को खो दिया है.
अधिकारियों के मुताबिक ये योजना तकनीकी शिक्षा, इंजीनियरिंग आदि समेत स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए बच्चों के एडमिशन, ट्यूशन और परीक्षा शुल्क की लागत को कवर करेगी. साथ ही इन बच्चों के हर महीने 2,000 रुपए की पेंशन भी मिलेगी. वहीं बच्चों को जून, जुलाई और अगस्त के लिए अग्रिम पेंशन भी दी जाएगी.
महिला एवं बाल विकास विभाग की सलाहकार सुलता देव ने बताया कि ‘ओडिशा में उच्च शिक्षा के लिए राज्य सरकार ने ‘ग्रीन पैसेज’ योजना चलाई है, इसमें कोविड 19 से अनाथ बच्चों के मामले में स्कूल सहित सभी स्तरों पर उनकी शिक्षा लागत को कवर करने के लिए योजना लागू की गई है और अगर अनाथ बच्चा किसी निजी संस्थान में पढ़ रहा है, तो सरकार उसका खर्चा भी उठाएगी’.
महिला एवं बाल विकास और मिशन शक्ति विभाग ने बच्चों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 1098, हेल्पलाइन 1800-345-4494 और राज्य कोविड हेल्पलाइन 104 जारी किए हैं. साथ ही सभी 30 जिलों में अनाथ बच्चों को रखने के लिए अस्थाई घर बनाए गए हैं.