कोरोना वायरस से निपटने के लिए ‘कोरोनिल’ नाम से इम्युनिटी बूस्टर दवा लॉन्च कर चुकी बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने अब एक नई दवा पेश की है। बाबा रामदेव का कहना है कि यह दवा डब्लूएचओ द्वारा सर्टिफाइड है। इस दवा का नाम भी कोरोनिल टैबलेट ही है। पतजंलि का कहना है कि इस दवा से दुनिया के 158 देशों को कोरोना से निपटने में मदद मिलेगी। इससे पहले पतंजलि की ओर से बीते साल जून में कोरोनिल नाम से दवा लॉन्च करने का दावा किया था। इस पर काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद पतंजलि ने कहा था कि यह दवा कोरोना को खत्म करने का दावा नहीं करती है बल्कि इम्युनिटी बूस्टर है। दवा की लॉन्चिंग के मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे।
दवा की लॉन्चिंग के साथ ही इस दौरान एक रिसर्च पेपर भी जारी किया गया, जिसे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और डॉ. हर्षवर्धन ने लॉन्च किया। पतंजलि आयुर्वेद की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस दवा को 100 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने मिलकर तैयार किया है। पतंजलि का कहना है कि इन दवाओं से न सिर्फ इम्युनिटी मजबूत होगी बल्कि कोरोना को भी खत्म किया जा सकेगा। पतंजलि ने जो नई दवाएं लॉन्च की हैं, उनमें कोरोनिल और श्वासारी के अलावा पीड़ानिल, आर्थोग्रिट, मधुनाशिनी व मधुग्रिट, मुक्तावटी, थायरोग्रिट, प्रोस्टोग्रिट, इम्यूनोग्रिट, सिस्टोग्रिट आदि प्रमुख हैं। कोरोना वैक्सीन को लेकर पतंजलि के रिसर्च पेपर का विमोचन करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पतंजलि और केंद्र सरकार का एक ही सपना है कि नई तकनीक के आधार पर आयुर्वेद को स्थापित किया जा सके।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि यदि कोरोना के दौर में आयुर्वेदिक दवाओं को पहचान मिलती है तो फिर इससे अच्छा कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौर में आयुर्वेद की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ 50 फीसदी तक पहुंच गई है, जो कोरोना से पहले 15 से 20 फीसदी के करीब ही रहा करता था। इस मौके पर बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि ने दवा सिर्फ कारोबार के लिए नहीं बनाई है बल्कि हमने उपचार और उपकार के लिए कोरोना की दवाओं को तैयार किया है। बाबा रामदेव ने कहा कि हम चाहते हैं कि अगले 30 सालों तक इस तरह से आयुर्वेद पर काम करें कि डब्लूएचओ का हेड ऑफिस ही भारत में आ जाए।