भारत बायोटेक के कोवाक्सिन टीके के तीसरे परीक्षण के परिणाम जल्द ही सार्वजनिक होंगे। देश के विभिन्न अस्पतालों में चल रहे तीसरे परीक्षण के तहत एकल खुराक का काम पूरा हो चुका है। साथ ही 80 फीसदी लोगों को दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है। इसी माह के आखिर तक इन सभी लोगों को दूसरी खुराक देने के बाद परिणामों की समीक्षा के लिए एक सप्ताह का वक्त लग सकता है। माना जा रहा है कि आगामी 10 फरवरी तक यह परिणाम जारी किए जा सकते हैं।
16 जनवरी से देश में कोरोना का टीकाकरण शुरू हो चुका है। भारत सरकार ने को वापसी कोवेक्सिन को आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल करने की अनुमति दी है लेकिन इसके साथ ही टीके पर निगरानी जारी रहेगी। परीक्षण के दौरान टीके को इस्तेमाल की अनुमति मिलने पर कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं। दिल्ली में 30 दिसंबर तक टीके का पंजीकरण पूरा होना था, लेकिन इसे बढ़ाकर 4 जनवरी तक किया गया, क्योंकि एम्स को परीक्षण में शामिल करने के लिए लोग नहीं मिले।
टीका परीक्षण से जुड़े दिल्ली एम्स के एक डॉक्टर ने बताया कि उनके यहां तीसरे परीक्षण के तहत एक खुराक का कोर्स पूरा हो चुका है। जबकि आधे से ज्यादा लोगों को दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है। 4 फरवरी तक उनके यहां सभी लोगों को दूसरी खुराक मिल जाएगी। जिसके बाद 5 फरवरी तक कंपनी को डाटा भेज दिया जाएगा।
दावा है कि देश में 25000 लोगों का दिन के बाद टीका दिया जा रहा है। 16 से 21 जनवरी के बीच मिले राज्यों के आंकड़े बता रहे हैं कि स्वास्थ्यकर्मी कोवाक्सिन से ज्यादा कोविशील्ड पर भरोसा कर रहे हैं।
इन्हीं आंकड़ों के मुताबिक, देश की राजधानी दिल्ली में 33, चेन्नई में 47, मुंबई में 31, पुणे में 47, पटना में 49, जयपुर में 49, अहमदाबाद में 35 और हैदराबाद में 42 फीसदी स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका लगवाया है। वह भी तब जब इनके पास टीका चयन करने का अधिकार नहीं है। टीकाकरण से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पहले दो चरण के परीक्षण पर गौर करने के बाद उन्हें पूरा यकीन है कि टीके का असर 50 फीसदी से अधिक होगा। मंत्रालय के ही कुछ अधिकारियों का कहना है कि अगर 50 फीसदी से कम मिला तो आगे की रणनीति सरकार के पास नहीं है।
कोरोना वायरस के खिलाफ तैयार भारत का स्वदेशी टीका 90 फीसदी तक असरदार है। पहले चरण के तहत जिन लोगो पर परीक्षण किया गया है उनमें से 81 से 91 फीसदी के बीच एंटीबॉडी पाए गए हैं। द लैसेंट पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, भारत बायोटेक का टीका पहले चरण के परीक्षण में सुरक्षित और असरदार पाया गया है। अध्ययन के अनुसार, हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी ने 11 केंद्रों पर पहला परीक्षण किया था। 375 लोगों के आवेदन को स्वीकार करते हुए बनाए गए चार समूह बनाए गए। तीन समूह में 100-100 और एक समूह में 75 लोगों को रखा गया। एक गंभीर सामने मामला सामने आया था लेकिन बाद में दिक्कत नहीं हुई है। 100 लोगों में 87.9, 91.9 और 82.8 फीसदी असर देखने को मिला है।