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कोरोना संकट को लेकर दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय संगठन (सार्क) देशों की बैठक गुरुवार को आयोजित होगी। बैठक की मेजबानी भारत करेगा। खास बात यह है कि भारत पाकिस्तान के बीच पिछले एक साल से जारी तनाव के बीच मोदी सरकार ने बैठक में भाग लेने के लिए पाकिस्तान को भी आमंत्रित किया है। भारत की अध्यक्षता में सार्क देशों की बैठक 17 फरवरी को आयोजित होनी है। भारत की अध्यक्षता में सार्क देशों की बैठक 17 फरवरी को आयोजित होनी है। इस इस स्वास्थ्य सचिव स्तर की कार्यशाला में पाकिस्तान को भी आमंत्रित किया गया है। इस बैठक में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निपटने और उसके बाद स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत बनाने समेत कई क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा होगी।

इस बैठक के लिए भारत ने सभी सार्क समूह के देशों को आमंत्रित किया है, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल है। इनमें से कई देशों ने पुष्टि की है कि वे बैठक में भाग लेंगे। आगामी सार्क देशों की बैठक को उच्च स्तरीय गणमान्य संबोधित कर सकते हैं।

पिछले साल वैश्विक महामारी का प्रकोप फैलने के साथ ही भारत ने कोविड-19 से निपटने के लिए सार्क देशों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में सार्क देशों के प्रमुखों ने भाग लिया था, लेकिन पाकिस्तान की ओर से जूनियर लेवल के अधिकारी ने भाग लिया था। इस बैठक में कोरोना से निपटने की रणनीति बनाई गई थी, जिसके तहत भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्क आपातकालीन कोष की स्थापना की थी, जिसमें भारत ने 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 72.8650 करोड़ रुपये) का योगदान किया था।

महामारी के बीच भारत ने दुनिया में विश्वगुरु की भूमिका निभाते हुए दवाइयां, चिकित्सा उपकरण समेत कई अन्य तरह की सहायता अपने पड़ोसी देशों और अन्य मित्र देशों तक पहुंचाई। वहीं भारत में एक साथ दो स्वदेशी निर्मित कोविड वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिलने के बाद कई देशों को कोरोना टीका दिया है। भारत ने जिन देशों को कोरोना वैक्सीन दी है, उनमें नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, ब्राजील, इजरायल, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा समेत कई अन्य देश शामिल हैं।

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