बिहार में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने को लेकर संक्रमितों के संपर्क में आने वालों की तलाश तेज होगी। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में कोरोना संक्रमण की जांच के क्रम में कांट्रैक्ट ट्रेसिंग (संपर्क की तलाश) को प्राथमिकता देने, उनकी जांच करने और उन्हें आइसोलेशन में रखने के साथ ही इलाज का इंतजाम करने का निर्देश दिया है। विभाग ने विशेष रूप से देश के उन पांच राज्यों, जहां तेजी से संक्रमण के मामले बढ़े हैं, उसको लेकर सतर्कता बढ़ा दी है।
स्वास्थ्य विभाग ने देश के पांच राज्यों केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मामले को देखते हुए सभी जिलों में संक्रमित मरीजों की संख्या अधिक होने पर कंटेनमेंट जोन बनाने और घर-घर कोरोना जांच कराने का निर्देश दिया है। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के सिविल सर्जनों के साथ बैठक की। बैठक में कोरोना नियंत्रण के लिए किए जाने वाले कार्यो की समीक्षा की गई और साथ ही टीकाकरण बढ़ाने का निर्देश दिया गया। जानकारी के अनुसार विशेष रूप से पांच राज्यों से आने वाले संक्रमितों के संपर्को की तलाश को लेकर रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड या हवाई अड्डा तक जांच बढ़ाया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव सह राज्य स्वाथ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार के अनुसार जहां भी नए संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, वे कहीं पांच राज्यों से यात्रा करके तो नहीं आ रहे है, इसकी जानकारी ली जाएगी। साथ ही, संक्रमण वाले इलाकों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने, कंटेनमेंट जोन में सौ फीसदी सघन कोरोना जांच कराने के निर्देश सभी जिलों के जिलाधिकारी व सिविल सर्जनों को दिए गए है।
राज्य स्वास्थ्य समिति से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में बुधवार को 94 नए संक्रमितों की पहचान की गयी। इनमें पटना में 23, औरंगाबाद में 13, नवादा में 9 नए संक्रमितों की पहचान की गयी। जबकि अररिया, भोजपुर, किशनगंज, मधुबनी, सीतामढ़ी व सीवान में एक-एक, बांका, भागलपुर, दरभंगा, गया, कैमूर, मुजफ्फरपुर, सारण, सुपौल में दो-दो, वैशाली, पूर्वी चंपारण, खगड़िया, मुंगेर, नालंदा व सहरसा में तीन-तीन व पश्चिमी चंपारण में चार-चार नए संक्रमितों की पहचान की गयी। राज्य में कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 99.21 फीसदी है।