Bharat Vritant

कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए देश भर में एक मई से वैक्सीनेशन का तीसरा चरण शुरू होने जा रहा है, जिसके लिए 28 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएंगे. इस चरण के लिए 18 साल और उससे ऊपर की आयु वाले लोगों को वैक्सीन लगाई जानी है, लेकिन इस अभियान के शुरू होने के पहले ही कई राज्य सरकारों ने हाथ खड़े कर दिए हैं. कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर पंजाब, राजस्थान, छतीसगढ़ और झारखंड जैसी राज्य सरकारों ने सवाल खड़े किए हैं और कहा कि वैक्सीन शॉर्टेज होने की वजह से दिक्कत हो गई है. ऐसे में गैर-बीजेपी शासित राज्यों में वैक्सीनेशन का तीसरा चरण कैसे शुरू होगा?

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा था कि 1 मई से 18 साल और उसके ऊपर के लोगों को फ्री में कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी, लेकिन महज दो दिनों में सरकार ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि केंद्र सरकार ने दोनों वैक्सीन उत्पादन को पूरी तरह से हाईजैक कर लिया है. हमलोग उनसे वैक्सीन नहीं खरीद सकते. इसके बावजूद हमलोग पेय करने को तैयार हैं. केंद्र सरकार को यह वैक्सीन कांग्रेस शासित प्रदेश को भी आवंटित करनी चाहिए.

राजस्थान में 18 से 45 साल उम्र के 2.90 करोड़ लोगों का फ्री वैक्सीनेशन होगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वैक्सीनेशन के लिए 3000 करोड़ रुपए खर्च किए जाने की बात कही है. राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा है कि भारत सरकार कह रही है कि एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जाएगी. जबकि मैंने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी) से बात की थी. हमें बताया गया है कि भारत सरकार ने जो भी ऑर्डर प्लेस किए हैं उसे पूरा करने में 15 मई तक का समय लग सकता है. वे राजस्थान को इससे पहले वैक्सीन नहीं दे सकते हैं.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हम 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए तैयार हैं, लेकिन 1 मई से वैक्सीनेशन शुरू नहीं किया जा सकता है, क्योंकि वैक्सीन उपलब्ध ही नहीं हैं. छत्तीसगढ़ से स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह ने भी यही बात कही है. उन्होंने कहा है कि हमारे पास वैक्सीन मौजूद नहीं है इसलिए एक मई से शुरू होने वाले वैक्सीनेशन कैंपेन को हमलोग लागू नहीं कर सकते हैं. हमारे पास वैक्सीन ही नहीं है कि हमलोग 18 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति को वैक्सीन दे पाएं.

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि हमारे पास 4 लाख वैक्सीन ही बची हैं. अब जब तक केंद्र की तरफ से हमें और वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराई जाती, तब तक 1 मई से सबको टीका कैसे लगा सकते हैं? पंजाब सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि अगर वैक्सीन उपलब्ध नहीं है तो उसे देने का हमारे पास कोई तरीका नहीं है. केंद्र सरकार ने कह दिया है कि 1 मई से सभी को वैक्सीन दी जाएगी, लेकिन वैक्सीन तो मौजूद ही नहीं है. ऐसे में हम कैसे वैक्सीन दे सकते हैं.

कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का अभियान एक मई से शुरू हो रहा है, लेकिन राज्य सरकारें हाथ खड़े करती दिख रही हैं कि हमारे पास वैक्सीन है ही नहीं, तो सबको लगाएं कैसे. यह सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि वैक्सीन की अनुपलब्धता की शिकायत करने वाले ये सभी राज्य कांग्रेस शासित हैं. देश में इस आदेश के बाद 80 से 90 करोड़ लोगों को वैक्सीन की 2 डोज़ देने के लिए कम से कम 160 करोड़ डोज़ तैयार करनी होंगी. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इतने बड़े स्तर पर फिलहाल प्रोडक्शन हो नहीं रहा है. इसी वजह से चिंताएं बढ़ रही हैं. हालांकि, इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि कई राज्य सरकारें पहले ही भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को वैक्सीन का अपना ऑर्डर दे चुकी हैं, जिसके चलते अब जो राज्य वैक्सीन के लिए अपना ऑर्डर दे रहे हैं, उन्हें दिक्कत हो रही है. इसकी वजह यह है कि कंपनी ने जिन राज्यों का ऑर्डर पहले लिया है, उन्हें पहले उपलब्ध कराएगी.