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कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम और वैक्सीन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए भारत ने 22 फरवरी को पड़ोसी देशों की वर्चुअल बैठक बुलाई है. बड़ी खबर ये है कि लंबे अरसे बाद पाकिस्तान को भी शामिल होने का न्योता दिया गया है. उच्च स्तरीय बैठक में सभी देशों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. बैठक में महामारी की रोकथाम और अभी तक वैक्सीन के प्रयास समेत जरूरी उपायों पर चर्चा होगी. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल मार्च में महामारी की रोकथाम पर चर्चा के लिए सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक बुलाई थी. उसमें केवल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान खुद शामिल नहीं हुए थे, जबकि उनकी तरफ से किसी और ने प्रतिनिधित्व किया था. इस बीच भारत ने तमाम देशों को कोविड-19 की स्थिति से निबटने के लिए बड़ी मदद पहुंचाई है.

अफगानिस्तान को 75000 मैट्रिक टन खाने की सामग्री समेत मेडिकल उपकरण भेजे गए, वहीं भूटान, नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों को मेडिकल उपकरण के अलावा मास्क की आपूर्ति की गई. भारत ने मिशन सागर 1 के तहत मालदीव, मौरिशस, मेडागास्कर, शेशल्स जैसे देशों को दवाइयां और खाने की सामग्री मदद में दी. इसके अलावा, टीकाकरण के लिए तमाम देशों को वैक्सीन तोहफे में मुहैया कराई.

बांग्लादेश को 20 लाख, म्यांमार को 17 लाख, नेपाल को 10 लाख, भूटान को 1.5 लाख, मालदीव और मौरिशस को एक एक लाख डोज, शेशल्स को 50 हजार और श्रीलंका समेत अफगानिस्तान को 5-5 लाख वैक्सीन की खुराक मदद के तौर पर दी गई. लेकिन पाकिस्तान ने अभी तक भारत से वैक्सीन की मदद नहीं मांगी है. इसके बावजूद सरकार ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन के सभी अधिकारियों और स्टाफ को वैक्सीन लगाने की पेशकश की है. भारत सरकार के प्रस्ताव पर पाकिस्तान सरकार का अब तक कोई जवाब नहीं आया है.

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