बाटला हाउस एनकाउंटर मामले पर दिल्ली की साकेत कोर्ट में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी आरिज खान की सजा का ऐलान कर दिया है. साकेत कोर्ट के अडिशनल सेशन जज संदीप यादव ने मुजरिम करार दिए गए आरिज खान को मौत की सजा सुनाई है. उन्होंने आरिज को 302 का मुजरिम माना है और रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस बताया. आरिज पर 11 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसमें से 10 लाख मोहन चंद शर्मा के परिवार को मिलेंगे. इससे पहले शहजाद को उम्र कैद की सजा 2013 में ही हो चुकी है. आरिज और शहजाद बटला हाउस एनकाउंटर के बीच भाग गए थे. जज संदीप यादव ने 8 मार्च को आरिज को दोषी करार दिया था. सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट से आरिज को मौत की सजा देने की अपील की थी. आरिज के वकील एमएस खान ने मौत की सजा का विरोध करते हुए कहा था कि आरिज खान की कम उम्र को देखते हुए सजा में रियायत दी जानी चाहिए.
कोर्ट ने आरिज खान को आईपीसी की धारा 302, 307 और आर्म्स एक्ट में दोषी करार दिया था. आरिज खान ने इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा पर गोली चलाई थी जिससे उनकी जान चली गई. कोर्ट ने आरिज को हत्या, हत्या की कोशिश जैसी आईपीसी की धारा संगीन धाराओं 186, 333, 353, 302, 307, 174A, 34 और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया. आरिज खान को दिल्ली पुलिस ने एनकाउंटर के 10 साल बाद फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया था. इस मामले में कोर्ट आरिज के साथी शहजाद अहमद को जुलाई 2013 में ही दोषी करार दे चुकी है. आरिज के दोषी करार होने को दिल्ली पुलिस अपनी बड़ी कामयाबी मान रही है.
13 सितंबर 2008 को दिल्ली के कई इलाकों में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे, ब्लास्ट में 26 लोगों की जान गई थी और करीब 133 घायल हुए थे, ब्लास्ट के पीछे आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन का हाथ होने की बात सामने आई थी. मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को 19 सितंबर 2008 को खबर मिली थी कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के कई आतंकवादी आरिज खान, आतिफ अमीन, मोहम्मद साजिद, मोहम्मद सैफ और शहजाद अहमद बाटला हाउस की बिल्डिंग L-18 के फ्लैट में मौजूद हैं. इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा अपनी टीम के साथ आतंकियों को पकड़ने के लिए पहुंची तो आतंकियों और पुलिस के बीच एनकाउंटर हुआ, जिसमें इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो थे.