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फरीदाबाद के चर्चित निकिता तोमर हत्याकांड केस में अदालत की सुनवाई पूरी हो गई है. अब बुधवार यानी 24 मार्च को अदालत इस मामले में फैसला सुनाएगी. अदालत तय करेगी कि निकिता तोमर की हत्या में गिरफ्तार आरोपी तौसीफ, रेहान और अजरुद्दीन दोषी हैं या नहीं. दरअसल, 26 अक्टूबर 2020 को हरियाणा के बल्लभगढ़ में निकिता तोमर की कॉलेज के बाहर गोली मारकर हत्या की गई थी. आरोप है कि तौसीफ नामक युवक ने उसे गोली मारी थी. उसके साथ रेहान नामक एक लड़का और मौजूद था. जबकि अजरुद्दीन ने तौसीफ को हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार उपलब्ध कराया था.

जानकारी के मुताबिक, रोजका मेव निवासी तौसीफ नाम का युवक 12वीं कक्षा तक निकिता के साथ पढ़ा था. वह उस पर दोस्ती के लिए दबाव डालता था. आरोपी ने साल 2018 में छात्रा का अपहरण भी किया था, लेकिन बाद में समझौता हो गया था. निकिता के परिवार का कहना है कि यह लड़का कई साल से निकिता को तंग कर रहा था. हमने 2018 में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी लड़के को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद लड़के के परिवारवालों ने हाथ-पैर जोड़ लिए. हमने भी सोचा और मामला वापस ले लिया. उसके बाद कोई दिक्कत नहीं थी. परिवार की तरफ से यह भी बताया गया कि तौसीफ कुछ दिनों से लड़की पर शादी का दबाव बना रहा था. सोमवार शाम को लड़की पेपर देकर बाहर निकल रही थी. तौसीफ आया और जबरदस्ती गाड़ी में खींचने लगा. जब लड़की नहीं मानी तो उसने गोली मार दी. न तो लड़की, न परिवार और न कोई और, शादी के पक्ष में था.

तौसीफ के दादा कबीर अहमद विधायक रह चुके हैं. तौसिफ का चचेरा भाई आफताब अहमद मेवात जिले की नूंह सीट से कांग्रेस विधायक है. आफताब अहमद के पिता खुर्शीद अहमद, हरियाणा के पूर्व मंत्री रह चुके हैं. तौसिफ के सगे चाचा जावेद अहमद इस बार सोहना विधानसभा से बीएसपी की टिकट पर चुनाव लड़े और हार गए. फिलहाल मामले को लेकर फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने कहा कि यह एक जघन्य अपराध है, जिसके लिए एसआईटी गठित कर दी गई है और राजपत्रित स्तर के अधिकारी इसकी जांच करेंगे. उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा साक्ष्य जुटाकर आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाए जाने की कोशिश रहेगी.