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सुप्रीम कोर्ट ने आज लखीमपुर मामले पर यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार को रिपोर्ट कल देनी है। कोर्ट ने घटना का पूरा ब्यौरा मांगा है और अब तक जांच में क्या हुआ है, इसकी भी जानकारी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और हिमा कोहली की बेंच ने मामले पर संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की है। आज कार्रवाई की शुरुआत में चीफ जस्टिस ने कहा कि परसों उन्हें दो वकीलों ने चिट्ठी लिखी थी। उसी पर यह संज्ञान लिया गया है। उन्होंने दोनों वकीलों को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चल रही सुनवाई से जोड़ने के लिए कहा।

थोड़ी देर के बाद चिट्ठी लिखने वाले वकील शिवकुमार त्रिपाठी सुनवाई से जुड़े। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे लोगों को जिस तरह से कुचला गया,यह चिंताजनक है। यह प्रशासन की लापरवाही को दिखाता है। मामले में उचित कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, “हमें मिली जानकारी के मुताबिक एफआईआर दर्ज हो चुकी है। हम सरकार से जानना चाहेंगे कि मामले में अब तक क्या-क्या हुआ है?”

यूपी सरकार की एडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने जजों को बताया कि मामले में विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। साथ ही एक न्यायिक जांच आयोग भी बनाया गया है। इस पर चीफ जस्टिस ने पूछा कि इस आयोग के अध्यक्ष कौन है? यूपी के वकील ने बताया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में इस आयोग का गठन किया गया है। उन्हें कल तक का मौका दिया जाए, वह पूरी स्थिति से कोर्ट को अवगत कराएंगी।

कोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि यूपी सरकार कल स्टेटस रिपोर्ट दे। इस रिपोर्ट में यह बताया जाए कि किन-किन लोगों की मृत्यु हुई है? अब तक जांच में क्या प्रगति हुई है? हाई कोर्ट में इस विषय में दाखिल याचिकाओं पर क्या हुआ है? इस निर्देश के साथ बेंच ने सुनवाई कल के लिए स्थगित कर दी। सुनवाई के अंत में चीफ जस्टिस ने एक वकील की तरफ से रजिस्ट्री को भेजे गए संदेश का उल्लेख किया। उन्होंने कहा हमें यह जानकारी मिली है कि मृतक लवप्रीत सिंह की मां गंभीर रूप से बीमार हैं। हम राज्य सरकार को निर्देश देते हैं कि वह उनका सही इलाज करवाए।