आंदोलनकारी किसानों और सरकार के बीच पांचवे दौर की बातचीत शनिवार देर शाम बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई। अगली बातचीत अब 9 दिसंबर को होगी। किसान नए कानूनों को खारिज कराने और न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी को कानूनी दर्जा दिलाने की मांग से एक कदम भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। जबकि सरकार इन दोनों बातों पर विचार करने को तैयार है। किसान नेताओं के साथ बातचीत में सरकार ने उनसे नए कृषि कानूनों की खामियों के बारे में और उन में प्रस्तावित सुधारों पर बिंदुवार बातचीत करने का प्रयास किया। सरकार की ओर से कृषि मंत्री ने अपने ठोस प्रस्ताव देने के लिए कुछ समय मांगा।
पहले सरकार सोमवार को ही बात करने को तैयार थी लेकिन फिर उन्होंने बुधवार को बातचीत करने का प्रस्ताव रखा। तब तक सरकार कुछ और ठोस प्रस्ताव पर विचार कर सकती है। लेकिन किसान नेता तीनों कृषि कानूनों को खारिज किए जाने से कम पर राजी नहीं हैं। फिर भी वे सार्वजनिक रूप से अड़ियल रुख अपनाते हुए दिखना भी नहीं चाहते इसीलिए वे अगले दौर की बातचीत के लिए राजी हो गए हैं।
शनिवार की बातचीत के दौरान किसान नेता एक समय चुप हो गए और अपने सामने कागज पर यस या नो लिख कर बैठ गए। यानी वे बात करने के लिए तैयार नहीं है। वे सरकार से सिर्फ हां या ना में जवाब चाहते हैं। बैठक के बीच से निकलकर उन्होंने अपने साथियों से सरकार के प्रस्तावों पर विचार-विमर्श भी किया। लेकिन अंतत: वे अपने कदम पीछे हटाने को तैयार नहीं हुए।
इससे पहले शनिवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ किसानों की समस्याओं को लेकर एक लंबी बातचीत की। मंत्रियों ने उन्हें किसानों की मांगों और सरकार के प्रस्तावों के बारे में बताया। उन्होंने दिल्ली को किसानों द्वारा चारों ओर से घेरे जाने से उपजी परिस्थिति की भी समीक्षा की।
इस बीच किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। किसानों के अलावा इस बंद को अन्य वर्गों ने भी समर्थन देने का फैसला किया है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन किसानों के समर्थन में आठ दिसंबर के बाद से पूरे देश में अनिश्चितकालीन चक्का जाम करने की घोषणा की है। किसान नेताओं का कहना है कि इस बार वे आर या पार फैसला लेने की नीयत से आए हैं। जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी वह दिल्ली की सीमाओं से अपना जाम नहीं उठाएंगे। उनका कहना है हमारे पास 6 महीने की खाद्य सामग्री है।