नए कृषि कानूनों के विरोध में आज बुलाए गए भारत बंद का असर दिखने लगा है। कई राज्यों में विपक्षी पार्टियों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। साथ ही कई जगहों पर रेल यातायात बाधित करके चक्का जाम करने की कोशिश हो रही है। पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में लेफ्ट पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने ट्रेन रोक दी हैं। वहीं कई जगह सड़के बंद करके केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी हो रही है। किसान संगठनों के साथ विपक्ष की मांग है कि सरकार इन नए कृषि कानूनों को तुरंक वापस ले।

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने किसानों के भारत बंद के समर्थन में प्रयागराज में रेल रोक दी है। कार्यकर्ता रेल की पटरी पर उतरकर नारेबाजी कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश में कृषि कानूनों के खिलाफ बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में विशाखापट्टनम में लेफ्ट पार्टियों ने विरोध प्रदर्शन किया। पश्चिम बंगाल में राजधानी कोलकाता में भारत बंद के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रही लेफ्ट पार्टियों ने जादवपुर में रेल रोकी।

पंजाब में भारत बंद के समर्थन में दुकानें बंद है। किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव ने बताया, “दुकानें लगभग बंद हैं, इमरजेंसी सेवा बहाल है। लोग अपने मन से शटर बंद कर रहे हैं।”

बिहार में हाजीपुर, जहानाबाद, खगड़िया, दरभंगा समेत अन्य जिलों में किसान और महागठबंधन कार्यकर्ता सुबह से सड़कों पर उतरकर किसानों की आवाज बुलंद करने के साथ ही बंद को सफल बनाने में जुट गए हैं।

सिंघु बॉर्डर का हाल- कृषि कानूनों के खिलाफ आज 13वें दिन भी किसान प्रदर्शनकारी सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा बल तैनात है। टिकरी बॉर्डर पर भी कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। यहां बड़ी संख्या में किसान सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। कल केंद्र सरकार और किसानों के बीच छठे दौर की वार्ता होगी।

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