फ्रीडम ऑफ स्पीच एंड एक्सप्रेसन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा कमेंट किया है। अदालत ने कहा कि मौजूदा समय में बोलने की आजादी के अधिकार का सबसे ज्यादा दुरुपयोग हो रहा है। अदालत ने गुरुवार को तब्लीगी जमात की मीडिया रिपोर्टिंग के मामले की सुनवाई करते हुए ऐसा कहा।सुप्रीम कोर्ट ने तब्लीगी मामले में मोटिवेटेड मीडिया रिपोर्टिंग के आरोपों पर केंद्र सरकार के टालमटोल वाले जवाब को लेकर खिंचाई की। अदालत ने इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्ट मिनिस्ट्री से इस बात का डिटेल एफिडेविट मांगा है कि ऐसे मामलों में मोटिवेटेड मीडिया रिपोर्टिंग को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए।जमीयत-उलेमा-हिंद ने मरकज मामले की मीडिया कवरेज को मोटिवेटेड बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी। इसमें कहा गया कि मीडिया गैर-जिम्मेदारी से काम कर रहा है। मीडिया रिपोर्टिंग में ऐसा दिखाया जा रहा है जैसे मुसलमान कोरोना फैलाने की मुहिम चला रहे हैं।
इस मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पहले जो हलफनामा दिया था उसमें कहा गया था कि जमात के मुद्दे पर मीडिया को रिपोर्टिंग करने से नहीं रोक सकते। केंद्र ने प्रेस की स्वतंत्रता का हवाला दिया था।