संविधान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले को याद करते हुए हमले में मारे गए जवानों को याद करते हुए कहा की हम वो जख्म कभी नहीं भूल सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आज की तारीख, देश पर सबसे बड़े आतंकी हमले के साथ जुड़ी हुई है। 2008 में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने मुंबई पर धाबा बोल दिया था। इस हमले में अनेक भारतीयों की मृत्यु हुई थी, कई और देशों के लोग मारे गए थे। मैं मुंबई हमले में मारे गए सभी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, इस हमले में हमारे पुलिस बल के कई जाबाज भी शहीद हुए थे। मैं उन्हें नमन करता हूं। आज का भारत नई नीति-नई रीति के साथ आतंकवाद का मुकाबला कर रहा है।
संबोधन में बोली गयी पीएम मोदी की कुछ अहम बाते –
जैसे सदन में एक भाव की आवश्यकता होती, वैसे ही देश में भी एक भाव की आवश्यकता होती। सरदार पटेल का ये स्मारक इस बात का जीता-जागता सबूत है कि जहां कोई राजनीतिक छूआ-छूत नहीं। देश के गौरव से बड़ा कुछ नहीं हो सकता।
आज डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद और बाबा साहेब अंबेडकर से लेकर संविधान सभा के सभी व्यक्तित्वों को भी नमन करने का दिन है, जिनके अथक प्रयासों से देश को संविधान मिला है। आज का दिन पूज्य बापू की प्रेरणा को, सरदार पटेल की प्रतिबद्धता को प्रणाम करने का दिन है।
हर नागरिक का आत्मसम्मान और आत्मविश्वास बढ़े, ये संविधान की भी अपेक्षा है और हमारा भी ये निरंतर प्रयास है। ये तभी संभव है जब हम सभी अपने कर्तव्यों को, अपने अधिकारों का स्रोत मानेंगे, अपने कर्तव्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे।
हमारे निर्णय का आधार एक ही मानदंड होना चाहिए और वो है राष्ट्रहित। राष्ट्रहित ही हमारा तराजू होना चाहिए। हमें ये याद रखना है कि जब विचारों में देशहित और लोकहित की बजाय राजनीति हावी होती है तो उसका नुकसान देश को उठाना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि संविधान के तीनों अंगों की भूमिका से लेकर मर्यादा तक सबकुछ संविधान में ही वर्णित है। 70 के दशक में हमने देखा था कि कैसे सेपेरशन ऑफ़ पॉवर की मर्यादा को भंग करने की कोशिश हुई थी, लेकिन इसका जवाब भी देश को संविधान से ही मिला।
इस मौके पर उन्होंने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर भी अपने विचार व्यक्त करे। उन्होंने कहा कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ केवल विचार-विमर्श का मुद्दा नहीं है, बल्कि देश की जरूरत भी है। यह विकासात्मक कार्य को बाधित करता है और आप सभी इसके बारे में जानते हैं। हमें इसके बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए और कार्यालय-धारक इस पर विचार-विमर्श कर सकते हैं। लोकसभा, विधानसभा और अन्य चुनावों के लिए केवल एक मतदाता सूची का उपयोग किया जाना चाहिए। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पूर्ण डिजिटलीकरण का समय यहां है। आम आदमी के पास हर सदन के कामकाज का डाटा होना चाहिए और देश के हर सदन के पास भी ऐसा डाटा होना चाहिए।