अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआइसीएफ) के नए अध्यक्ष डॉ. संजय कपूर ने रविवार को भारतीय शतरंज को सुपर पावर बनाने का ब्लूप्रिंट देश के सामने रखा। उन्होंने बताया कि भारत 2026 में होने वाले शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी के लिए बोली लगाएगा। देश में जल्द ही हाई प्रोफाइल भारतीय शतरंज लीग भी शुरू होगी। यही नहीं, स्कूल स्तर पर शतरंज को लोकप्रिय बनाने के लिए स्कूलों में एआइसीएफ शतरंज कार्यक्रम शुरू करेंगे। हमारे 33 राज्य संघ एक साथ इसको लागू करेंगे।
डॉ. कपूर ने कहा हम चाहते हैं कि भारत का हर स्कूली छात्र शतरंज खेले। यह भविष्य की पीढि़यों को बेहतर बनाने में मदद करेगा क्योंकि इस खेल से स्वाभाविक रूप से जीवन कौशल सीखने को मिलता है। एजीएम में इसके अलावा सभी खिलाडि़यों के लिए सिंगल विंडो रजिस्ट्रेशन, सेंट्रल ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने और सुपर टूर्नामेंट के आयोजन का फैसला हुआ। डॉ. कपूर ने बताया कि सुपर टूर्नामेंट में कई शीर्ष स्तरीय खिलाड़ी खेलते हुए दिखेंगे। इससे हमारे ऊंची रैंक वाले ग्रैंडमास्टर्स को घर में ही उच्च स्तरीय शतरंज खेलने को मिलेगा। इससे युवा खिलाडि़यों को भी फायदा मिलेगा क्योंकि वे उन्हें पास से खेलते हुए देख सकेंगे।
एजीएम के बाद प्रेस कांफ्रेंस में डॉ. कपूर ने कहा कि हम भारत को विश्व का शतरंज स्थल बनाना चाहते हैं। हमने उसे हासिल करने के लिए पूरी योजना बनाई है। उन्होंने रहस्योद्घाटन किया कि शतरंज ओलंपियाड के लिए जल्द ही फुलप्रूफ बिड तैयार की जाएगी। कानपुर क्रिकेट संघ के भी अध्यक्ष डॉ. कपूर ने कहा कि काफी समय से हम इस खेल को और ज्यादा लोकप्रिय बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय तड़के के साथ भारतीय शतरंज लीग शुरू करना चाहते हैं। फ्रेंचाइजी मॉडल पर आधारित इसका पहला संस्करण इस साल ही शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि एजीएम में महिला ग्रांप्रि की मेजबानी करना भी तय हुआ है, जो महिला चैंपियनशिप सर्किल का महत्वपूर्ण भाग है। इससे देश की महिला खिलाडि़यों को काफी फायदा मिलेगा।
एआइसीएफ सचिव भरत सिंह चौहान ने सिंगल विंडो रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस के महत्व को समझाते हुए कहा कि अब हर खिलाड़ी जो जिले में रजिस्टर्ड होगा, वह राज्य और एआइसीएफ से भी जुड़ जाएगा। सेंट्रल ऑफ एक्सीलेंस जमीनी स्तर पर ही प्रतिभाओं को तलाशेगा और तराशेगा। विश्व रैंकिंग में शीर्ष-50 में हमारे 10 खिलाडि़यों के होने के विजन को यह पूरा करेगा।