देश में कोरोना की दूसरी लहर पैर पसारने लगी है, ऐसे में सभी राज्य कोरोना को रोकने के लिए पहले से ही तैयारी कर रहे हैं। वहीं हवाई यात्रा के दौरान अगर कोई यात्री कोरोना के नियमों का पालन नहीं करता है, तो एयरलाइंस की ओर से उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। हाल ही में अलग-अलग विमान से ऐसे आठ लोगों को उतारा गया है, जो कोविड-19 के नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। इन सभी यात्रियों ने मास्क और पीपीई किट पहनने से इनकार कर दिया था। पिछले एक हफ्ते में तीन एयरलाइंस से जुड़े ऐसे आठ मामले सामने आए।
बुधवार को इंडिगो के दिल्ली से हैदराबाद जाने वाले विमान में एक महिला यात्री ने मास्क ना पहनने से मना कर दिया था। इसके अलावा दिल्ली से गोवा जाने वाले दूसरे विमान में एक और यात्री ने मास्क पहनने से मना कर दिया था। इंडिगो ने इन दोनों मामले में यात्रियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके अलावा 15 मार्च को एयर एशिया इंडिया ने दो लोगों की यात्रा पर रोक लगा दी थी। ये यात्री गोवा से मुंबई जा रहे थे और नियम ना मानने वाले दोनों यात्रियों को बीच की सीट मिली थी, जिसमें उन्हें पीपीई किट पहनने के लिए कहा गया था और उन्होंने इसे पहनने से इनकार कर दिया था।
वहीं 16 मार्च को अलायंस एयर ने जम्मू-कश्मीर विमान के चार यात्रियों को सुरक्षा के हवाले कर दिया था। इन सभी ने केबिन क्रू और पायलट के बार-बार अपील करने के बाद भी मास्क ना पहनने से इनकार कर दिया था। कंपनी के सीईओ हरप्रीत सिंह का कहना है कि हवाई यात्रा में हमारी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है।
नियम तोड़ने पर आजीवन प्रतिबंध संभव सिविल एविएशन महानिदेशालय के मुताबिक, अगर कोई यात्री नियम का उल्लंघन करता है तो उस पर दो साल तक के लिए प्रतिबंध लगाया जा सकता है। डीजीसीए ने कहा कि अगर बार-बार अपील करने के बाद भी यात्री नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें बेलगाम यात्रियों की कैटेगरी में डाला जा सकता है, यानी उन पर आगे भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है। डीजीसीए के आदेश के मुताबिक अगर कोई यात्री बार-बार अपील करने के बाद भी नियम का पालन नहीं करता है तो उसे तीन महीने से लेकर आजीवन ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में डाला जा सकता है।
डीजीसीए के प्रमुख अरुण कुमार ने सभी हवाईअड्डों पर औचक निरीक्षण के आदेश दिए हैं। इसके आधार पर यह देखा जाएगा कि कंपनियां और यात्रियों की ओर से कोरोना के नियमों का कितना पालन किया जा रहा है।