पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाले जगहों से भारत और चीन की सेना समझौते के अनुसार पीछे हट रही हैं। इसके साथ पिछले करीब आठ महीनों से सीमा पर बना तनाव कम होने लगा है। चीनी सेना के पीछे हटने की कुछ और तस्वीरें भी सामने आई हैं। इस बीच सेना के उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने तनाव वाले क्षेत्रों से दोनों देशों की सेना के पीछे हटने की वजहों के बारे में बताया है। उन्होंने सेना की उस रणनीति के बारे में भी खुलासा किया है जिससे चीन पर दबाव बना और उसे अतिक्रमण वाले स्थानों से पीछे हटने के लिए बाध्य होना पड़ा।
पहले चरण में बख्तरबंद वाहनों एवं मेकनिकल रेजिमेंट्स की वापसी होगी। दूसरे चरण में पैंगोंग लेक के उत्तरी एवं दक्षिणी हिस्से से सैनिक वापस आएंगे और चौथे चरण में कैलाश रेंज से सेनाएं पीछे हटेंगी।’ उन्होंने बताया कि प्रत्येक चरण की वापसी होने के बाद जमीन पर इसका सत्यापन किया जाएगा और दोनों पक्ष एक-दूसरे को सूचित करेंगे कि वे एक-दूसरे की गतिविधियों से संतुष्ट हैं कि नहीं। उन्होंने बताया कि 10 फरवरी से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया बिना किसी अवरोध के चल रही है।