असम में सभी सरकारी मदरसों और संस्कृत स्कूलों को बंद करने का विधेयक आज राज्य विधानसभा में पेश किया जाएगा, असम विधानसभा का तीन दिन का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। असम में 610 सरकारी मदरसे हैं जिनपर राज्य सरकार हर साल 260 करोड़ रुपये खर्च करती है। असम में दो तरह के मदरसे चलते हैं जिनमें एक सरकारी मान्यता प्राप्त वाले और दूसरे निजी संगठन चलाते हैं। असम कैबिनेट ने सभी सरकारी मदरसों और संस्कृत स्कूलों को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आज एक विधेयक पेश किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्व के मुताबिक़ असम में 610 सरकारी मदरसे हैं और सरकार इन संस्थानों पर प्रति वर्ष 260 करोड़ रुपये खर्च करती है, राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड असम को भंग कर दिया जाएगा, सभी सरकारी मदरसे को उच्च विद्यालयों में तब्दील कर दिया जाएगा और वर्तमान छात्रों के लिए नया नामांकन नियमित छात्रों की तरह होगा। संस्कृत स्कूलों को कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत और प्राचीन अध्ययन विश्वविद्यालय को सौंप दिया जाएगा।
असम में दो तरह के मदरसे संचालित होते हैं, एक सरकारी मान्यता प्राप्त वाले और दूसरे वो जो निजी संगठन चलाते हैं, सरकारी मदरसों को राज्य सरकार हर साल ग्रांट देती है, जबकि प्राइवेट मदरसे अपने खर्च पर संचालित होते हैं, सरकार ने सरकारी मदरसों को बंद करने का ऐलान किया था।