प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईआईटी खड़गपुर के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया. वर्चुअल संबोधन में पीएम ने नए इको सिस्टम में नए लीडरशिप की जरूरत पर जोर दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन आईआईटी खड़गपुर के सिर्फ उन विद्यार्थियों के लिए अहम नहीं है, जिनकों डिग्री मिल रही है. आज का दिन नए भारत के निर्माण के लिए भी उतना ही अहम है.
पीएम ने छात्रों से कहा कि इंजीनियर होने के नाते एक क्षमता आप में विकसित होती है और वो है चीजों को पैटर्न से पेटेंट तक ले जाने की क्षमता है. यानि एक तरह से आप में विषयों को ज्यादा विस्तार से देखने की दृष्टि होती है. छात्रों से पीएम मोदी ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए आपको भविष्य का अनुमान भी लगाना चाहिए. छात्रों को उन आवश्यकताओं पर काम करना चाहिए जो 10 साल बाद पैदा हो सकती हैं, भविष्य के लिए नवाचार कर रही हैं.
छात्रों से पीएम मोदी ने कहा कि जीवन के जिस मार्ग पर अब आप आगे बढ़ रहे हैं, उसमें निश्चित तौर पर आपके सामने कई सवाल भी आएंगे. ये रास्ता सही है, गलत है, नुकसान तो नहीं हो जाएगा, समय बर्बाद तो नहीं हो जाएगा? ऐसे बहुत से सवाल आएंगे. इन सवालों का उत्तर है- सेल्फ थ्री. यानी सेल्फ अवरनेस, सेल्फ कॉन्फिडेंस और सेल्फनेस. आप अपने सामर्थ्य को पहचानकर आगे बढ़ें, पूरे आत्मविश्वास से आगे बढ़ें, निस्वार्थ भाव से आगे बढ़ें.
आईआईटी खड़गपुर के दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा कि आप सभी, साइंस, टेक्नॉलॉजी और इनोवेशन के जिस मार्ग पर चले हैं, वहां जल्दबाज़ी के लिए कोई स्थान नहीं है. आपने जो सोचा है, आप जिस इनोवेशन पर काम कर रहे हैं, संभव है उसमें आपको पूरी सफलता ना मिले. लेकिन आपकी उस असफलता को भी सफलता ही माना जाएगा, क्योंकि आप उससे भी कुछ सीखेंगे. 21वीं सदी के भारत की स्थिति भी बदल गई है, ज़रूरतें भी बदल गई हैं और महत्वकांक्षाएं भी बदल गई हैं.