बांग्लादेश में अधिकारियों ने रोहिंग्या शरणार्थियों के एक और जत्थे को बंगाल की खाड़ी में स्थित सुदूर द्वीप पर भेज दिया है। हालांकि, मानवाधिकार समूहों ने शरणार्थियों को द्वीप पर भेजने की प्रक्रिया पर रोक लगाने की अपील की थी। शरणार्थियों को भेजने की प्रक्रिया में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि कॉक्स बाजार जिले में कैंप से करीब 1776 शरणार्थियों को 30 बसों से द्वीप के लिए भेजा गया है। उन्होंने बताया कि शरणार्थी रात में दक्षिणी-पूर्वी भाग में स्थित चट्टोग्राम शहर में ठहरेंगे और मंगलवार दोपहर तक उनके भसान चार द्वीप तक पहुंचने की संभावना है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि कॉक्स बाजार से 1776 रोहिंग्या शरणार्थी स्वेच्छा से रवाना हुए हैं। अधिकारियों ने कहा कि जो शरणार्थी वहां जाना चाहते थे, उनको ही चुना गया और उन पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया गया। हालांकि कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा कि कुछ शरणार्थियों को भूभाग से करीब 34 किलोमीटर दूर जाने के लिए मजबूर किया गया। द्वीप को एक लाख लोगों के रहने के लिए तैयार किया गया है। इससे पहले अधिकारियों ने चार दिसंबर को 1642 रोहिंग्या शरणार्थियों को द्वीप पर भेजा था। म्यांमा में दमन के बाद 10 लाख से ज्यादा रोहिंग्या बांग्लादेश आए थे और वर्तमान में वे कॉक्स बाजार में शरणार्थी शिविरों में रहते हैं। अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियां और संयुक्त राष्ट्र 2015 से ही शरणार्थियों को दीपों पर भेजे जाने का विरोध कर रहे हैं। उन्हें आशंका है कि बड़े तूफान में द्वीप डूब सकता है और हजारों लोगों की जान को खतरा होगा।