वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2021-22 में पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए ‘स्क्रैप पॉलिसी’ की घोषणा की। ‘क्लीन एयर’ को ध्यान में रखते हुए इस पॉलिसी के तहत 20 साल पुराने निजी वाहनों और 15 साल पुराने कमर्शियल वाहनों को ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर पर जांच के लिए जाना होगा। हाल में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सरकारी वाहनों के लिए 15 साल पुराने वाहनों को कबाड़ (स्क्रैप करने) में भेजने की नीति को मंजूर कर दिया। मंत्रालय के इस फैसले से केंद्र, राज्य सरकारों और पब्लिक सेक्टर की कंपनियों में इस्तेमाल होने वाले 15 साल पुराने वाहनों को हटाना होगा।
सड़क परिवहन मंत्री ने किया स्वागत : केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बजट का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि मैं आदरणीय वित्त मंत्री का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने इस साल 11,000 किलोमीटर सड़क निर्माण पूरा करने का लक्ष्य और 8,500 किलोमीटर के नए सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इसके साथ ही सरकार ने तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और असम में नए सड़क परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। देश में नए इकॉनोमिक कॉरिडॉर से भी सड़क परियोजनाओं को मजबूती मिलेगी और नए अवसर पैदा हो सकेंगे।
10 हजार करोड़ का निवेश, 50 हजार नई नौकरियां : स्क्रैपिंग पॉलिसी का स्वागत करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इससे 10 हजार हजार करोड़ का निवेश होगा और 50 हजार नई नौकरियां आएंगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया के सभी ऑटो ब्रांड भारत में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि स्क्रैपिंग पॉलिसी की वजह से ऑटो सेक्टर की इकोनॉमी का आकार 4।50 लाख करोड़ से बढ़कर 6 लाख करोड़ हो जाएगा।
नितिन गडकरी ने कहा कि स्क्रैपिंग पॉलिसी की वजह से 20 साल से पुराने 51 लाख पुराने वाहन स्क्रैप हो जाएंगे। जो भी गाड़ी स्क्रैप करेंगे वो नई खरीदेंगे। इससे ऑटो इंडस्ट्री का बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि 1 करोड़ से ज्यादा वाहन ऐसे हैं वो प्रदूषण कर रहे थे, ये वाहन 10 से 12 गुणा ज्यादा प्रदूषण करते हैं। इससे देश को राहत मिलेगी। इसके बाद गाड़ियों की वजह से होने वाले प्रदूषण में 25 से 30 फीसदी कमी होगी।
स्क्रैपिंग पॉलिसी का फायदा बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसकी वजह से हमें स्टील, रबर मिलेगा, एल्युमीनियम मिलेगा। अब दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले कम खर्च पर इन चीजों को हासिल कर सकेंगे। स्क्रैपिंग पॉलिसी की वजह से नई गाडियां आएंगी और नए वाहन ज्यादा माइलेज देंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्क्रैपिंग पॉलिसी की वजह से 10 हजार करोड़ का निवेश होगा और 50 हजार नई नौकरियां मिलेंगी।
प्रदूषण से राहत : आईआईटी बॉम्बे के एक अध्ययन के मुताबिक कुल वायु प्रदूषण में लगभग 70 प्रतिशत हिस्सेदारी वाहनों से होने वाले प्रदूषण की है। ऐसे में पुराने वाहनों को कबाड़ में भेजने पर वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
सस्ती होंगी गाड़ियां : सड़क परिवहन मंत्रालय का अनुमान है कि स्क्रैप पॉलिसी से रिसाइकल कच्चा माल उपलब्ध होगा। इससे वाहनों की लागत में 30 प्रतिशत तक की कमी आने की भी संभावना है। इसके अलावा बजट में स्टील पर उत्पाद शुल्क (कस्टम ड्यूटी) भी कम किया गया है। इससे वाहनों की कीमत में और कमी आने की भी संभावना है।