आगामी बजट 2021 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। इससे पहले बजट को लेकर कयास लगाए जाने का दौर शुरू हो चुका है। हर किसी को उम्मीद है कि इस बार मोदी सरकार के बजट बहीखाते से राहत और सौगातों की घोषणा की जाएगी। स्वास्थ्य क्षेत्र को भी आगामी बजट से काफी उम्मीदें हैं। जानकारी है की इस बार सरकार स्वास्थ्य देखभाल के खर्च के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा सेस को दो प्रतिशत तक बढ़ाने पर विचार कर रही है। हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि वित्त मंत्रालय का राजस्व विभाग वर्तमान में इस तरह के प्रस्ताव की समीक्षा कर रहा है और विचार-विमर्श अभी भी चल रहा है, फिलहाल अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
गौरतलब है कि वर्तमान में आयकर स्लैब के अनुसार, प्रत्यक्ष आयकर पर चार प्रतिशत हेल्थ एंड एजुकेशन सेस लगाया जाता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इसमें 0-2% के बीच बढ़ोतरी की घोषणा की जा सकती है, लेकिन ये तभी हो सकता है जब प्रस्ताव विचार-विमर्श से गुजरता है और उच्चतम राजनीतिक स्तर पर औपचारिक रूप से इसे मंजूरी मिलती है। वित्त मंत्रालय आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य बीमा कवर बढ़ाने के पक्ष में है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत, सरकार प्रति परिवार 5 लाख रुपये का वार्षिक स्वास्थ्य बीमा कवर देती है। अब देखने ये है कि सरकार द्वारा कितना अधिक कवर बढ़ाया जा सकता है, ताकि अधिक परिवारों को बीमा लाभ मिल सके। फिलहाल यहां भी चर्चा और आकलन अभी भी जारी है और एक या दो दिन में इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है। गौरतलब है कि ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत’, वर्तमान में यह बीमा कवर लगभग 10.74 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों को दिया जाता है।
इसके साथ ही सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के मौजूदा अस्पतालों में, नए अस्पतालों में और डिस्पेंसरी में ज्यादा आईसीयू बेड बनाने के लिए अधित बजट आवंटन किए जाने की भी संभावना ह। कोरोना वैक्सीनेशन के मद्देनजर स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचा भी इस बजट में अहम मुद्दा होगा। इस कारण बजट का आकार संभवत: मौजूदा 30 खरब रुपये को पार करने की संभावना है।