सरकार ने नोटबंदी के बाद 2,000 रुपये का नया नोट जारी किया था. नेशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल जितने भी नकली नोट पकड़े गए, उनमें सबसे ज्यादा 2,000 रुपये के ही थे. ऐसे में आम आदमी की मुश्किलें तब बढ़ जाती है. जब कभी बैंक एटीएम से 2000 रुपये का नोट नकली आए. इसीलिए, बैंकों में जाकर ग्राहक हमेशा यहीं सवाल पूछते हैं कि क्या कोई ऐप ऐसी है जिससे नकली और असली नोट का पता चल सकता है. इसको लेकर आरबीआई ने अब अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी है. आरबीआई का कहना है कि मोबाइल एडेड नोट आइडेंटिफ़ायर एक ऐप है. लेकिन ये ऐप दृष्टिबाधित लोगों के लिए है. इस नि:शुल्क एप्लीकेशन को एक बार इंस्टॉल करने के बाद इन्टरनेट की आवश्यकता नहीं होती है. यह एप्लीकेशन नोट के अग्र अथवा पश्च – भाग/हिस्से की जांच करके महात्मा गांधी शृंखला तथा महात्मा गांधी (नई) शृंखला के बैंक नोटों के मूल्यवर्ग की पहचान करने में सक्षम है.
इससे प्रकाश की विभिन्न परिस्थितियों (सामान्य प्रकाश/दिन का प्रकाश/कम प्रकाश आदि) के अंतर्गत अलग-अलग कोणों से पकड़े गए आधे मुड़े हुए नोटों की पहचान भी की जा सकती है. आपको बता दें कि यह मोबाइल एप्लीकेशन किसी नोट के असली अथवा जाली होने को प्रमाणित नहीं करता है.
बीते साल दृष्टिबाधितों के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने मोबाइल एडिड नोट आइडेंटिफायर (MANI) ऐप लॉन्च किया गया. इस ऐप से दृष्टिबाधितों को नोट किस मूल्यवर्ग का है यानी कितने का है, यह जानने में मदद मिलेगी. भारतीय नोट में कई ऐसे फीचर्स मौजूद होते हैं जिससे दृष्टिबाधितों को उनकी पहचान करने में मदद मिलती है. इनमें उसकी प्रिंटिंग, नोट का साइज, पैटर्न आदि शामिल हैं.
टेक्नॉलोजी की प्रगति ने भारतीय नोटों की नेत्रहीनों के लिए पहुंच को बढ़ाया है. इससे उन्हें रोजाना करने वाले ट्रांजैक्शन में सुविधा मिलेगी. 6 जून 2018 को रिजर्व बैंक की डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी पॉलिसी के बयान में MANI ऐप के बारे में एलान किया गया था. इस ऐप की मदद से महात्मा गांधी सीरीज और महात्मा गांधी (न्यू) सीरीज) के नोटों के मूल्यवर्ग यानी वह कितने रुपये के हैं, इसकी पहचान करने में मदद मिलती है. यह नोट का फ्रंट या पिछला भाग को चेक करके पहचान होगी. इसमें आधे मुड़े हुए नोट और किसी भी रोशनी की स्थिति में पहचान हो हो सकती है.
इसमें ऑडियो नोटिफिकेशन के जरिए नोट कितने का है, इसकी जानकारी दी जाती है. यह ऑडियो हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होता है. जिन लोगों को सुनने की कमजोरी है, उनके लिए वाइब्रेशन का मोड मौजूद है. इस मोबाइल ऐप्लीकेशन को वॉयस कंट्रोल के द्वारा नेविगेट किया जा सकता है. ऑपरेटिंग सिस्टम वॉयस इनेबल्ड कंट्रोल को सपोर्ट करता है जिससे आप ऐप्लीकेशन के फीचर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं.