लद्दाख की गलवान घाटी में पिछले साल जून में हुए संघर्ष में मारे गए अपने सैनिकों को लेकर चीन ने लगभग नौ महीने तक चुप्पी साधे रखी. हालांकि, अब ‘ड्रैगन’ की चुप्पी टूटी है और उसने मारे गए अपने जवानों को लेकर जानकारी दी है. चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ के अखबार के हवाले से बताया है कि गलवान में चीन के चार सैनिक मारे गए. वहीं, चीन ने क्षेत्र में तनाव पैदा का जिम्मेदार भारत को ठहराया है.
नौ महीने में ये पहला मौका है, जब चीन ने इस घटना में मारे गए अपने जवानों की जानकारी दी है. ग्लोबल टाइम्स में भारतीय सेना पर आरोप लगाया है कि इसके सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार कर रहे थे. इसमें कहा गया है कि भारतीय सैनिक बड़ी संख्या में पर तैनात किए गए. खबर में चीन के सैनिकों का गुणगान किया गया है.
मई की शुरुआत से ही चीन की सेना एलएसी की ओर बढ़ रही थी. इसके बाद भारतीय जवान सतर्क हो गए. हालांकि, चीन की इस आक्रामक चाल के चलते दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता गया. अंततः 15 जून की मध्य रात्रि को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ. गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई झड़प पिछले 45 सालों हुआ सबसे भयंकर सीमा विवाद था. इसमें भारतीय पक्ष के 20 जवान शहीद हुए, जिन्हें पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. दूसरी ओर, चीन के सैनिक भी बड़ी संख्या में हताहत हुए, लेकिन इसने ये बात दुनिया से छिपाई रखी.