केंद्र सरकार ने सोमवार को पेगासस जासूसी कांड को लेकर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट को बता की पेगासस जासूसी के आरोपों में छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और वह इस मामले के सभी पहलुओं के निरिक्षण के लिए प्रमुख विशेषज्ञ समिति बनाएगा। सरकार ने कहा की यह मुद्दे काफी तकनिकी है और इसके सभी पहलुओं की विशेषज्ञों द्वारा जाँच की जरुरत है। सॉलिसटर जनरल तुषार मेहता ने बताया की छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। विशेषज्ञो की समिति से इसकी जाँच की जरुरत है। यह बेहद तकनिकी मुद्दा है। हम इस क्षेत्र के प्रमुख तटस्थ विशेषज्ञों की नियुक्ति करेंगे।
जासूसी के आरोपों की जाँच को लेकर याचिका दायर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा की सरकार का हलफनामा यह नहीं बतात की सरकार या उसकी एजेंसिया ने जासूसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है या नहीं। सुनवाई के दौरान सिब्बल ने कहा – ‘ हम नहीं चाहते की सरकार जिसने पेगासस का इस्तेमाल किया हो या उसकी एजेंसी जिसने हो सकता है इसका इस्तेमाल किया हो अपने आप एक समिति गठित करे। ‘