BHARAT VRITANT

केंद्र सरकार आज आम बजट पेश करने जा रही है. संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे बजट पेश करेंगी. कोरोना महामारी के चलते ठप पड़ी अर्थव्यवस्था को बूस्टर डोज देने के लिए सरकार क्या कदम उठाती है, इस पर आज सभी की नजरें रहेंगी. रोजगार, टैक्स में रियायत, महंगाई आदि मुद्दों पर लोगों को सरकार की ओर से राहत मिलने की उम्मीद है.

कोरोना काल में बेरोजगारी, वायरस, वैक्सीन, चीन, किसान आंदोलन, महंगाई, कृषि कानून पर विवाद, ये सब कुछ देखने को मिला है. ऐसे में सभी को बजट से बहुत अच्छी उम्मीदें हैं. गृहणी से लेकर किसान तक बहुत उम्मीदें लगाए बजट का इंतजार कर रहे हैं. एलपीजी गैस की कीमतें कम होने, महंगाई कम होने, टैक्स स्लैब बढ़ने और नौकरियों के नए अवसरों जैसी चीजों की इस बजट से उम्मीदें हैं. हालांकि, इन सब पर सरकार कितना खरा उतरती है, ये वित्त मंत्री के बजट भाषण के बाद ही पता चलेगा.

कोरोना के चलते नौकरियां चले जाने या सैलरी कटौती से मिडिल क्लास काफी परेशान हुआ है. सरकार ने जो करीब 30 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज पिछले साल दिए, उसमें से मिडिल क्लास को कुछ खास नहीं मिला. इसलिए अब मिडिल क्लास को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. वहीं, कई साल से मांग हो रही है कि बेसिक टैक्स छूट सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर देनी चाहिए. मोदी सरकार ने साल 2019-20 के बजट में 2.5 से 5 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए 12,500 की विशेष छूट देकर 5 लाख तक की आय को करमुक्त करने की कोश‍िश तो की, लेकिन स्थायी रूप से 5 लाख रुपये तक की आय को करमुक्त करने की मांग की जा रही है.

इधर, कोरोना संकट के बीच वर्क फ्रॉम होम का चलन तेजी से बढ़ा है. जिसके चलते तमाम नौकरीपेशा लोगों का खर्च बढ़ गया है. जानकार कहते हैं कि कर्मचारियों के अतिरिक्त खर्चों को बहुत सी कंपनियों ने रीइम्बर्स किया है, लेकिन ऐसे रीइम्बर्समेंट पर टैक्स लगता है. इसलिए यह उम्मीद है कि ऐसी व्यवस्था हो जिससे खर्चों पर टैक्स की बचत हो सके.

इस बीच व्यापारियों के बड़े संगठन कैट ने कहा है कि वर्तमान में व्यापारी वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि बजट में व्यापारियों को बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों से कम ब्याज पर तथा आसान शर्तों पर कारोबार के लिए धन मिले. साथ ही मांग की बजट में एक नेशनल ट्रेड पॉलिसी फॉर रिटेल ट्रेड, ई कॉमर्स पॉलिसी एवं एक ई कॉमर्स रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन तथा एक वॉलंटरी डिस्क्लोज़र स्कीम (वीडीएस) घोषित होनी जरूरी है.

होम लोन के बारे में जानकारों का कहना है कि इस पर मिलने वाले टैक्स छूट का दायरा बढ़ाया जा सकता है. आयकर की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की सीमा में होम लोन का मूलधन आता है. इस सीमा को बढ़ाया जा सकता है. इसी तरह धारा 24 बी के तहत टैक्स छूट का फायदा बढ़ाए जाने की उम्मीद है.

एक्सपर्ट का कहना है कि वैक्सीन और हेल्थ के बारे में जो सुधार के उपाय किए जाएंगे, उसका मिडिल क्लास को फायदा होगा. कई नए अस्पतालों की स्थापना का ऐलान किया जा सकेगा. एक्सपर्ट का कहना है कि बजट में रोजगार सृजन पर जोर दिया जाएगा और इसका भी फायदा मिडिल क्लास के युवाओं को मिलेगा. फिलहाल अब सारी निगाहें कल के बजट पर टिकी हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *