BHARAT VRITANT

एक धर्मनिरपेक्ष देश के कम्यूनिष्ट प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल में पहली बार मंदिर में मत्था टेकने पहुंचे है। नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली दूसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं और तीन साल में पहली बार वो भगवान पशुपतिनाथ में दर्शन करने पहुंचे। वैसे भी कम्यूनिष्ट नेताओं का मंदिर जाना नहीं होता हैं। ओली को भी कभी मंदिर में जाकर पूजा करते हुए नहीं देखा गया है। लेकिन आज सुबह अचानक ओली अपनी धर्मपत्नी के साथ भगवान पशुतिनाथ के दर्शन करने पहुंचे तो सबको अचरज हुई। ओली ना सिर्फ मंदिर पहुंचे बल्कि वहां पर एक घंटे तक विशेष पूजा अराधना भी की है।

प्रधानमंत्री ओली ऐसे दिन पशुपतिनाथ के डर पर मत्था टेकने गए जब एक दिन पहले ही उनको प्रचण्ड समूह ने पार्टी से निष्कासित करने का फैसला किया तो हो सकता है इसका विश्लेषण इस रूप में भी किया जा सकता है कि ओली को पार्टी से निकालने के बाद अब उनको भगवान की याद आई है। लेकिन इसका एक अहम पहलु यह भी है कि पिछले करीब दो तीन महीने से पीएम ओली की प्रस्तुति राजनीति के बजाए धार्मिक दिलचस्पी कुछ अधिक दिख रही है। इससे नेपाल को फिर से हिन्दू राष्ट्र बनाने के ओली के एजेंडे को और अधिक बल मिल रहा है।

नेपाल को धर्मनिरपेक्ष देश बनाए जाने के हमेशा ही खिलाफ रहे ओली के लिए राजन आईटीआई में टिके र्तःने के लिए और नेपाली जनता की भावना को जोड़े रखने के लिए हिन्दू राष्ट्र का मुद्दा उनके लिए तुरुप का इक्का साबित हो सकता है। ओली के हावभाव उनकी बातों को सुनकर हर कोई अब अंदाजा लगाने लगा है कि ओली देश से धर्म निरपेक्षता को हटाकर नेपाल को संवैधानिक रूप से हिन्दू राष्ट्र बनाने की तरह अग्रसर हैं।

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