Bharat Vritant

भारत सरकार और ट्विटर के बीच तकरार बढ़ता ही जा रहा है। सरकार ने किसान आंदोलन, खालिस्तान समर्थकों से जुड़े कुछ अकाउंट्स को ब्लॉक करने के लिए ट्विटर को चिट्ठी लिखी थी। इसमें से कुछ अकाउंट्स पर ट्विटर ने कार्रवाई करने से मना कर दिया है। बीते दिनों हुई बैठक में सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है।

केंद्र सरकार ने अमेरिकी कंपनी को स्पष्ट कहा है कि उसे भारतीय कानून का पालन करना ही होगा। साथ ही टि्वटर की मनमानी के खिलाफ कई राजनेता, नौकरशाह व अन्य टि्वटर छोड़कर स्वदेशी एप कू पर जार रहे हैं। सरकार ने कहा है कि उसने ट्विटर को जिन 257 संदिग्ध अकाउंट्स की लिस्ट सौंपी है, उनपर कार्रवाई करनी ही होगी।

ट्विटर ने बुधवार को कहा कि उसने कुछ अकाउंट पर भारत में रोक लगाई है क्योंकि भारत सरकार द्वारा ‘केवल भारत में ही’ कुछ अकाउंट को बंद करने के निर्देश दिए गए थे। हालांकि सिविल सोसायटी के कार्यकर्ताओं, राजनेताओं और मीडिया के अकाउंट को बंद नहीं किया क्योंकि ऐसा करने से देश के कानून के तहत अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का उल्लंघन होता।

इस बीच, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव के साथ वार्ता से पहले ब्लॉगपोस्ट प्रकाशित करने के ट्विटर के कदम को सरकार ने असामान्य कर दिया है जबकि मुलाकात का वक्त कंपनी ने ही मांगा था।

कंपनी ने कहा कि वह अपने यूजरों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करना जारी रखेगी और इसके लिए वह सक्रिय रूप से भारत के कानून के तहत विकल्पों पर विचार कर रही है जो ट्विटर व यूजरों के अकाउंट को प्रभावित करते हैं।

केंद्र सरकार ने माइकोब्लॉलिंग साइट ट्विटर से ऐसे कई अकाउंट को बंद करने को कहा था जिनसे कथित तौर पर देश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर भ्रामक एवं भड़काऊ सूचनाएं साझा की जा रही हैं।

सरकार ने आदेश का पालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है। सरकार के निर्देश पर अपना रुख साफ करते हुए ट्विटर ने ब्लॉगपोस्ट में कहा कि नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री कम नजर आए इसके लिए उसने कदम उठाए हैं जिनमें ऐसे हैशटैग को ट्रेंड करने से रोकना एवं खोजने के दौरान इन्हें देखने की अनुशंसा नहीं करना शामिल है।

ट्विटर ने कहा कि उसने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आदेशों के तहत 500 से अधिक अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई की है। इनमें ट्विटर के नियमों का उल्लंघन करने पर अकाउंट को स्थायी रूप से बंद करने का कदम भी शामिल है।

सरकार ने 1178 अकाउंट की एक अन्य सूची कंपनी को सौंपी थी जिनके खालिस्तान और पाकिस्तान से जुड़े होने का शक था। इनमें से 583 को निलंबित किया गया है। साथ ही करीब 500 और अकाउंट के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। हालांकि उसने जिन अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई की है, उनकी जानकारी नहीं दी है।

घरेलू कंपनी ‘कू’ पर सरकार ने दी प्रतिक्रिया
स्वदेशी नेटवर्किंग साइट ‘कू’ पर आईटी मंत्रालय ने बयान जारी किया कि कुछ अकाउंट को बंद करने के मुद्दे पर बैठक का अनुरोध अमेरिकी कंपनी ट्विटर की ओर से किया था और मंत्रालय की ओर से सचिव ट्विटर के वरिष्ठ प्रबंधन से बात करने वाले थे लेकिन इस वार्ता से पहले ही ब्लॉग पोस्ट करना असामान्य है। कू एक भारतीय कंपनी है जो ट्विटर को टक्कर दे रही है।

48 घंटे में 30 लाख ने किया ‘कू’ डाउनलोड
आत्मनिर्भर भारत के तहत पिछले साल ही कू लॉन्च हो गया था। 48 घंटे में 30 लाख ने कू डाउनलोड किया है। इनमें रेलमंत्री पीयूष गोयल, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा, आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय हैं।
कैपिटल हिल दंगे पर ट्विटर की कार्रवाई की दिलाई याद सरकार ने ट्विटर को चेतावनी दी थी कि अगर उसने निर्देशों का अनुपालन नहीं किया तो संबंधित धाराओं के तहत जुर्माना या सात साल की जेल हो सकती है। इस बीच, ट्विटर की भारत एवं दक्षिण एशिया में सार्वजनिक नीति की निदेशक महिमा कौल ने भी इस्तीफा दे दिया है जिससे उनके जाने की परिस्थितियों को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। कंपनी का कहना है कि कौल का इस्तीफा इस मामले से जुड़ा नहीं है।

बता दे, देश में करीब 1.3 अरब लोग ट्विटर का इस्तेमाल करते हैं। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कैबिनेट मंत्री और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, पत्रकार, नौकरशाह, उद्योगपति भी शामिल हैं। देश में ही हैशटैग बैन ट्विटर, ट्विटर पर बुधवार को ट्रेंड करता रहा। साथ ही ट्विटर पर हैशटैग कूएप भी ट्रेंड करता रहा।

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