भारत सरकार सोशल मीडिया पर राष्ट्र विरोधी तत्वों और भ्रामक पोस्ट करने वालों की निगरानी के लिए एक साइबर सेना तैयार कर रही है जिसे साइबर वॉलंटियर्स नाम दिया जाएगा। देश का कोई भी आम आदमी सरकार के साइबर वॉलंटियर्स में शामिल हो सकेगा और सरकार के लिए काम कर सकेगा। साइबर वॉलंटियर्स का गठन गृह मंत्रालय के अंतर्गत होगा।
cybercrime.gov.in पर दी गई जानकारी के मुताबिक सोशल मीडिया की निगरानी करने के लिए सरकार के साथ कोई भी आम नागरिक काम कर सकता है। यदि आप भी साइबर वॉलंटियर्स के तौर पर काम करना चाहते हैं तो आपको साइबर क्राइम वॉलंटियर्स के तौर पर खुद को रजिस्टर्ड करना होगा और उसके बाद आप किसी हिंसक, आपत्तिजनक, महिला विरोधी, गैंगरेप और राष्ट्र विरोधी जैसे सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर रिपोर्ट कर सकेंगे।
इस प्रोजेक्ट को इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) नाम दिया गया है। इसकी शुरुआत पिछले सप्ताह जम्मू-कश्मीर में हो गई है। इसको लेकर पुलिस ने एक सर्कुलर भी जारी किया था। साइबर वॉलंटियर्स के लिए तीन कैटेगरी हैं जिनमें साइबर वॉलंटियर्स गैरकानूनी कंटेंट फ्लैगर, साइबर प्रमोटर और साइबर एक्सपर्ट शामिल हैं। इनमें से आप अपनी योग्यतानुसार किसी भी कैटेगरी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पहली कैटेगरी में गैरकानूनी पोस्ट, चाइल्ड पॉर्नोग्राफी, रेप, गैंगरेप, आतंकवाद, राष्ट्र विरोधी कंटेंट की निगरानी शामिल है। वहीं दूसरी कैटेगरी के तहत देश की आवाम को सोशल मीडिया और साइबर क्राइम के प्रति जागरूक करना होगा। तीसरी कैटेगरी में साइबर क्राइम, वायरस, क्रिप्टोग्राफी आदि में सरकारी एजेंसियों की मदद करेंगे।
पहली कैटेगरी के लिए आपका वेरिफिकेशन या केवाईसी नहीं किया जाएगा लेकिन दूसरी और आखिरी कैटेगरी के लिए राज्य सरकार की ओर से साइबर वॉलंटियर्स का वेरिफिकेशन होगा। साइबर वॉलंटियर्स के लिए योग्यता को लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है। यदि आप भी साइबर वॉलंटियर्स बनना चाहते हैं तो cybercrime.gov.in पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।