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केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सोशल मीडिया कंपनियों को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर वो नफरत और हिंसा फैलाने का काम करेंगी तो उसको किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संसद से सोशल मीडिया कंपनियों को कड़ा संदेश दिया है. राज्यसभा के प्रश्नकाल में सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया का प्रयोग अगर हिंसा, फेक न्यूज, वैमनस्य बढ़ाने के लिए किया जाएगा तो कार्रवाई होगी. रविशंकर प्रसाद ने कहा चाहे वह ट्विटर हो, फेसबुक हो चाहे वह लिंक्डइन हो सभी सोशल मीडिया कंपनियां देश में काम कर सकती है उनका सम्मान है लेकिन भारत सभी को भारत के संविधान का सम्मान करना होगा

राज्यसभा में बोलते हुए कानून मंत्री ने कहा कि हम भारत के चुनाव की प्रक्रिया का बहुत सम्मान करते हैं. अगर कोई सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश करेगा तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि जहां तक फेक न्यूज का सवाल है, सरकार ने फेक न्यूज की हक़ीक़त सामने लाने के लिए एक प्लेटफॉर्म बनाया हुआ है. जो फेक न्यूज डालते हैं तुरंत उसका करेक्शन भी यहां आ जाता है.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि डिजिटल इंडिया प्रोग्राम में सोशल मीडिया की काफी अहम भूमिका है, हम आलोचना के अधिकार का सम्मान करते हैं. आप प्रधानमंत्री से लेकर सरकार की आलोचना कर सकते हैं लेकिन देश में नफरत फैलाने का काम नहीं कर सकते. विदेश में कुछ और नीति भारत में कुछ और नीति ये स्वीकार नहीं की जाएगी.

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