कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन आज 28वें दिन में प्रवेश कर चुका है। केंद्र सरकार की ओर से किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रण पर किसान यूनियनों की तरफ से अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। किसान नेता दर्शन पाल के ई-मेल के जवाब में किसान यूनियनों से चर्चा के बाद बातचीत के लिए अपनी सुविधा के अनुसार तारीख चुनने का विकल्प मांगा है। वहीं आज किसान दिवस पर किसानों ने अपना आंदोलन और तेज करने की बात कही। इसके लिए आज किसान एक समय का खाना नहीं खाएंगे। इसके साथ ही आने वाले दिनों में हरियाणा के टोल प्लाजा को फ्री किया जाएगा। प्रधानमंत्री के मन की बात के समय पर किसानों ने लोगों से ताली और थाली बजाने की भी अपील की है। वहीं आज भी दिल्ली के कई रास्ते बंद रहेंगे। किसान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि। वे जीवनभर गांवों और किसानों के विकास के प्रति समर्पित रहे, जिसके लिए सदैव उनका स्मरण किया जाएगा। गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान अभी भी डटे हुए हैं। किसानों ने यहां सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिए हवन भी किया। यहां भी आज लंगर में एक समय ही भोजन बनेगा और आंदोलनकारी दोपहर का भोजन नहीं खाएंगे। सिंघु (दिल्ली-हरियाणा) बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है, यहां आए दिन प्रदर्शनकारियों की तादाद बढ़ रही है। एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि, ‘जो चिट्ठी सरकार ने भेजी है आज उसका जवाब दिया जाएगा। हम 24 घंटे बात करने के लिए तैयार हैं लेकिन वे बात नहीं करना चाहते क्योंकि उनके मन में खोट है। कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन 28वें दिन भी जारी है। यहां एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि, ‘किसान दिवस पर मैं मोदी सरकार को एक ही बात बोलना चाहता हूं कि कृषि कानूनों को वापस लेकर हमें आज ये गिफ्ट में दें क्योंकि अबका किसान पढ़ा-लिखा है उन्हें इन कानूनों के बारे में पता है। सिंघु बॉर्डर पर किसान केंद्र सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिए हवन कर रहे हैं। उनका कहना है कि हम इस हवन के माध्यम से चाहते हैं कि सरकार की बुद्धि की शुद्धि हो और वो हमारी बात मान ले। आज डीएमके के मुखिया एमके स्टालिन ने तमिलनाडु के कांचीपुरम में कहा कि लगभग एक महीने से कई राज्यों के किसान दिल्ली की कड़ाके की सर्दी में प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तक प्रधानमंत्री उनसे बात करने और उनकी मांग सुनने आगे नहीं आए हैं और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पीएम की धुन पर नाच रहे हैं। सिंघु और टिकरी बॉर्डर समेत दिल्ली की उन तमाम सीमाओं पर जहां किसानों का आंदोलन चल रहा है, वहां आम लोग उनके समर्थन के लिए लगातार कई प्रदेशों से पहुंच रहे हैं। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी नोटिस के अनुसार, किसान सम्मान दिवस के मौके पर विकासखण्ड स्तर से लेकर राज्य स्तर तक किसानों को पुरस्कृत किया जाएगा। राज्य स्तर पर पुरस्कृत होने वाले किसानों में 9 महिला किसान भी शामिल हैं। चौधरी चरण सिंह की जयंती के मौके पर उनके समाधिस्थल किसान घाट पर किसान पहुंचना शुरू हो गए हैं। जब उनसे पूछा गया कि कोरोना के इस दौर में आप लोग यहां क्यों इकट्ठा हुए हैं तो वह बोले कि जब चुनावी रैलियां होती हैं तो सरकार को कोरोना का ध्यान नहीं रहता। किसान घाट पर पहुंचे किसान चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के हरिंदर सिंह लखोवाल ने बताया कि, 23 तारीख को हम एक टाइम का खाना नहीं खाएंगे। 26 और 27 तारीख को दूतावासों के बाहर हमारे लोग प्रदर्शन करेंगे। 27 तारीख को प्रधानमंत्री ने जो मन की बात का कार्यक्रम रखा है उसका हम थालियां बजाकर विरोध करेंगे।

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