तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 33वां दिन है। सर्दी की परवाह किए बिना हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से किसानों के जत्थे लगातार धरनास्थल पर पहुंच रहे हैं। इस बीच किसानों ने एक और बड़ा एलान किया है। किसान संगठन के नेता डॉक्टर दर्शनपाल ने किसानों की आगे की योजना के बारे में बताया कि 27 और 28 दिसंबर को गुरु गोविंद सिंह के बेटे की शहीदी दिवस मनाएंगे और फिर 29 दिसंबर को हम बातचीत के लिए जाएंगे। 30 दिसंबर को हमारे किसान ट्रैक्टर से सिंघु बॉर्डर से लेकर टीकरी और शाहजहांपुर तक मार्च करेंगे।
दर्शनपाल ने कहा कि 31 दिसंबर और 1 जनवरी को हम सबको निमंत्रित कर रहे हैं कि लोग सिंघु आएं और हमारे साथ लंगर खा कर नया साल मनाए। इसके अलावा किसान संगठनों ने किसान आंदोलन के खिलाफ जारी दुष्प्रचार और जनता को गुमराह करने वाले संदेशों का मुकाबला करने के लिए एक जागरूकता अभियान शुरू करने का फैसला लिया है। इसके तहत संयुक्त किसान मोर्चा हिंदी और पंजाबी भाषा में 10-10 लाख पुस्तकें और अंग्रेजी भाषा में पांच लाख पुस्तकें देशभर में वितरित करेगा। इन पुस्तकों में केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों की सच्चाई आम जनता तक पहुंचाई जाएगी।
उधर दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के आंदोलन के एक माह बीत जाने के बाद अब विदेश में बसे भारतीयों खासकर पंजाबियों ने भी किसानों से सीधे जुड़ने का एलान कर दिया है। ‘एनआरआई चलो दिल्ली’ के तहत पंजाब के एनआरआई 30 दिसंबर को दिल्ली के सिंघु बार्डर पर पहुंचकर किसान आंदोलन से जुड़ेंगे। इस बीच पता चला है कि पंजाब में विभिन्न सियासी दलों के एनआरआई विंग भी सक्रिय हो गई है और उनके सदस्य भी जल्द भारत लौटकर किसान आंदोलन से जुड़ेंगे।