संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल दिल्ली की सीमाओं पर लगभग एक महीने से किसानों का प्रदर्शन जारी है। इसी बीच रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आकाशवाणी पर प्रसारित किए जाने वाले कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। यह इस कार्यक्रम का 72वां और 2020 का आखिरी संस्करण है। माना जा रहा है कि वे इसमें कृषि कानूनों के फायदे के बारे में चर्चा कर सकते हैं। वहीं किसान संगठनों ने ताली और थाली बजाकर कार्यक्रम का विरोध करने की घोषणा की है। साथियों, देश के सामान्य से सामान्य मानवी ने इस बदलाव को महसूस किया है। मैंने देश में आशा की एक अद्भुत प्रवाह भी देखा है। चुनौतियां खूब आईं। संकट भी अनेक आए। कोरोना के कारण दुनिया में सप्लाई चेन को लेकर अेक बाधाएं भी आईं लेकिन हमने हर संकट से नए सबक लिए। देश में नया सामर्थ्य भी पैदा हुआ। अगर शब्दों में कहना है तो इस सामर्थ्य का नाम है आत्मनिर्भरता। साथियों, देश के सामान्य से सामान्य मानवी ने इस बदलाव को महसूस किया है। मैंने देश में आशा की एक अद्भुत प्रवाह भी देखा है। चुनौतियां खूब आईं। संकट भी अनेक आए। कोरोना के कारण दुनिया में सप्लाई चेन को लेकर अेक बाधाएं भी आईं लेकिन हमने हर संकट से नए सबक लिए। देश में नया सामर्थ्य भी पैदा हुआ। अगर शब्दों में कहना है तो इस सामर्थ्य का नाम है आत्मनिर्भरता। मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। आज की ‘मन की बात’ एक प्रकार से 2020 की आखिरी ‘मन की बात’ है। साथियो, मेरे सामने आपकी लिखी ढ़ेर सारी चिट्ठियां हैं। माय गोव पर जो आप सुझाव भेजते हैं, वो भी मेरे सामने हैं। कितने ही लोगों ने फोन करके अपनी बात बताई है। ज्यादातर संदेशों में, बीते हुए वर्ष के अनुभव और 2021 से जुड़े संकल्प हैं। हमारा देश 2021 में उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़े। इस बार नए साल में देश को शुभकामनाएं देनी चाहिए। किसान आंदोलन के बीच मन की बात के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं।

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