वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज टैक्स से जुड़ी कुछ अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने एक ओर जहां वरिष्ठ नागरिकों को राहत दी, वहीं आम आयकरदाताओं के लिए कोई घोषणा नहीं की। यह बजट इस दशक का पहला आम बजट है। बजट 2021 पहला डिजिटल बजट भी है। आइए जानते हैं सीतारमण ने टैक्स से जुड़ी क्या घोषणाएं कीं।
वित्त मंत्री ने बताया कि छोटे करदाताओं के लिए मुकदमेबाजी कम करने के लिए विवाद समाधान समिति गठित करने का प्रस्ताव किया गया है। यह दक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी। 50 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले और 10 लाख रुपये तक की विवादित आय वाले व्यक्ति इस समिति के समक्ष जाने के योग्य होंगे। आम आयकरदाताओं को बजट 2021 में कोई राहत नहीं मिली है। केवल 75 साल से अधिक उम्र वालों कों आयकर रिटर्न नहीं भरना होगा। अब 75 साल के ज्यादा के वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर भरने की आवश्यकता नहीं है।
निर्मला सीतारमण ने एनआरआई लोगों के लिए भी सहूलियतों की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि एनआरआई लोगों को टैक्स भरने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। लेकिन इस बार सरकार ने उन्हें डबल टैक्स सिस्टम से छूट दी है।
सीतारमण ने कहा कि यह टैक्स सिस्टम पारदर्शी रखने का वक्त है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अब चार साल पुरानी हो गई है। जीएसटीएन सिस्टम की क्षमता भी बढ़ाई गई है। फर्जी बिलर्स की पहचान हो रही है। इसका नतीजा उत्साहजनक है। पिछले कुछ महीनों में रेकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन हुआ है।
अब तक टैक्स रिअसेसमेंट छह साल और गंभीर मामलों में 10 साल बाद भी केस खोले जा सकते थे। लेकिन अब इसे घटाकर तीन साल कर दिया गया है। अगर गंभीर मामलों में एक साल में 50 लाख से ज्यादा की इनकम छिपाने की बात होगी, तभी 10 साल तक केस खोले जा सकेंगे। हालांकि, उसके लिए कमिश्नर से मंजूरी लेनी होगी।
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने निवेश आकर्षित करने के लिए कॉरपोरेट टैक्स घटाया है और डिविडेंड टैक्स हटाया गया है।