शहरों में उचित जल वितरण तथा अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग का पता लगाने और एक चुनौती प्रक्रिया के माध्यम से जल की मात्रा और गुणवत्ता के संबंध में जल निकायों की मैपिंग करने के लिए पेयजल सर्वेक्षण किया जाएगा। शुरुआत में इसे दस शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाया जाएगा। केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य सचिव दुगार्शंकर मिश्र ने मंगलवार को बताया कि जल जीवन मिशन-शहरी के अंतर्गत एक पायलट पेयजल सर्वेक्षण प्रारंभ किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले कदम के रूप में मंत्रालय ने दस शहरों-आगरा, बदलापुर, भुवनेश्वर, चूरू, कोच्चि, मदुरै, पटियाला, रोहतक, सूरत और तुमकुर में पायलट आधार पर पेयजल सर्वेक्षण शुरू करने का निर्णय लिया है।
पायलट सर्वेक्षण के निष्कर्ष के आधार पर सर्वेक्षण का विस्तार सभी अमृत शहरों में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नागरिकों तथा पालिका अधिकारियों के साथ आमने-सामने के साक्षात्कारों के माध्यम से पेयजल, अपशिष्ट जल प्रबंधन, गैर राजस्व जल तथा तीन जल निकायों की स्थिति पर डाटा एकत्र किए जाएंगे। यह सर्वेक्षण स्वीकृत प्रश्नावली और ऑन कॉल इंटरव्यू, जल नमूना संग्रह तथा प्रयोगशाला परीक्षण के आधार और गैर-राजस्व जल के लिए फील्ड सर्वे आधार पर किया जाएगा। इन परियोजनाओं के लिए सरकार की ओर से धन पोषण तीन चरणों में किया जाएगा। तीसरी किस्त उपलब्ध कामकाजी परिणाम के आधार पर जारी की जाएगी।