केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ एक महीने से किसानों का आंदोलन जारी है। जैसे-जैसे मौसम सर्द हो रहा है, किसानों का विरोध गर्माता जा रहा है। आज किसान आंदोलन के 31वे दिन किसान संगठनों के बीच बड़ी बैठक होने वाली है। ये बैठक पीएम मोदी के किसान पंजायत के अगले ही दिन रखी गयी है। वहीं राजस्थान और हरियाणा के किसान भी आज दिल्ली कूच कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा शनिवार को बड़ी बैठक करने वाला है। दोपहर दो बजे होने वाली इस बैठक में सरकार और किसानों के बीच ठहरी हुयी बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र के न्यौते पर कोई औपचारिक फैसला किया जाएगा। नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान यूनियनों से सरकार ने बातचीत के लिए एक पेशकश की है।

एक किसान नेता ने कहा कि ‘एमएसपी को इन तीन कानूनों को वापस लेने की हमारी मांग से अलग नहीं किया जा सकता है। इन कानूनों में, निजी मंडियों का जिक्र किया गया है। यह कौन सुनिश्चित करेगा कि हमारी फसल तय एमएसपी पर बेची जाए अगर यह नहीं है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने विरोध कर रहे किसान यूनियनों को एक पत्र लिखा और उन्हें नए सिरे से बातचीत के लिए आमंत्रित किया।

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