प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन भाषण दे रहे हैं। कॉन्क्लेव का विषय है- ‘राष्ट्र के समावेशी विकास के लिए मेट्रोलॉजी’। काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च-नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी (सीएसआईआर-एनपीएल), नई दिल्ली द्वारा कॉन्क्लेव आयोजित किया जा रहा है।सीएसआईआर-एनपीएल की स्थापना के 74 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान मंत्री, डॉ. हर्षवर्धन मौजूद हैं। भारत अब सेकंड के अरबवें हिस्से को मापने में सक्षम है।
हम देश में बुनियादी अनुसंधान को भी मजबूत कर रहे हैं। आज, भारत में, हम उद्योग और संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।
आज भारत में इंडस्ट्री और इंस्टिट्यूशन के बीच कोलाबोरेशन को मजबूत किया जा रहा है। दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत में अपने रिसर्च सेंटर और फैसिलिटीज स्थापित कर रही हैं। बीते वर्षों में इन फैसिलिटीज की संख्या भी बढ़ी है।
आज भारत ग्लोबल इनोवेशन रैंकिंग में दुनिया के टॉप 50 देशों में पहुंच गया है। देश में आज बेसिक रिसर्च पर भी जोर दिया जा रहा है। सैनिकों को बचाने या गोला-बारूद को बचाने के लिए विश्व युद्ध के दौरान हुए शोध से दुनिया को कई क्षेत्रों में मदद मिल रही है। ड्रोन भी युद्ध के लिए बनाए गए थे। हालांकि, आज ड्रोन का उपयोग फोटोशूट और उत्पादों की डिलीवरी के लिए किया जा रहा है।
किसी भी प्रगतिशील समाज में, अनुसंधान महत्वपूर्ण और प्रभावी है। यह प्रभाव वाणिज्यिक, सामाजिक है और हमारे दृष्टिकोण और सोच को व्यापक बनाने में मदद करता है।
अब, भारत वायु शोधन और उत्सर्जन को मापने के बाजार में एक वैश्विक भागीदार बन जाएगा, जबकि प्रदूषण को कम करने और वायु गुणवत्ता में सुधार करेगा। आज का भारत पर्यावरण के मुद्दों पर एक वैश्विक नेता बनने की ओर अग्रसर है। आज का भारत पर्यावरण की दिशा में दुनिया का नेतृत्व करने की दिशा में बढ़ा रहा है। लेकिन एयर क्वालिटी और एमिशन मापने की तकनीक से लेकर टूल्स तक हम दूसरों पर निर्भर रहे हैं। आज इसमें भी आत्मनिर्भरता के लिए हमने बड़ा कदम उठाया है।
सीएसआईआर-एनपीएल ने आज जिस नेशनल एटॉमिक टाइम स्केल को देश को सौंपा है। उससे भारत नैनो सेकंड तक समय को मापने में भी आत्मनिर्भर बन गया है।
अतीत हमें सिखाता है कि देश जितना अधिक विज्ञान पर ध्यान केंद्रित होता है, सबसे अधिक यह तकनीक मजबूत होती है। यह तकनीक बदले में नए उद्योगों की मदद करती है और अनुसंधान को बढ़ावा देती है। यह चक्र देश को आगे ले जाता है। हमारे उत्पादन और उत्पादों की गुणवत्ता जितनी अच्छी होगी, हमारी अर्थव्यवस्था उतनी ही मजबूत होगी।
आज भारत दुनिया के उन देशों में है जिनके पास अपने नेविगेशन सिस्टम है। आज इसी ओर एक और कदम बढ़ा है। आज जिस भारतीय निर्देशक का लोकार्पण किया गया है। ये हमारे उद्योग जगत को क्वालिटी प्रोडक्ट्स बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
हमें यह सुनिश्चित करना है कि मेड इन इंडिया को वैश्विक मांग के साथ-साथ स्वीकृति की भी आवश्यकता है। ब्रांड इंडिया को विश्वसनीयता और गुणवत्ता के आधार पर मजबूत करना होगा। हम दुनिया को भारतीय उत्पादों से भरना नहीं चाहते हैं, लेकिन हमें दुनिया के हर कोने में भारतीय उत्पादों के लिए हर ग्राहक का दिल जीतना चाहिए।
हमारे देश और उत्पादों, सार्वजनिक या निजी क्षेत्र, दोनों में सेवाओं की गुणवत्ता दुनिया में भारत की ताकत का निर्धारण करेगी। तुलना और गणना के साथ कोई शोध पूरा नहीं हुआ है। हमें अपनी उपलब्धियों की भी गणना करने की आवश्यकता है
हमारे देश में सर्विसेज की क्वालिटी हो, चाहे सरकारी सेक्टर हो में या प्राइवेट। प्रोडक्ट्स की क्वालिटी हो, चाहे सरकारी सेक्टर में हो या प्राइवेट। हमारे क्वालिटी स्टैंडर्ड ये तय करेंगे कि दुनिया में भारत और भारत के प्रोडक्ट्स की ताकत कितनी बढ़े। समय के साथ, आपकी परिवर्तन में एक भूमिका रही है। भारत 2022 में अपनी आजादी के 75वें वर्ष और 2047 में 100 वें वर्ष का जश्न मनाएगा। इस समय, हमें अपनी दृष्टि में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को बनाए रखना है और नए मानकों और बेंचमार्क के साथ आगे बढ़ना है।
जब हम अतीत में दोबारा देखते हैं, तो आपकी शुरुआत स्वतंत्रता के बाद के युग में भारत को विकास की राह पर ले जाने के लिए हुई है।
भारत मे दुनिया का सबसे बड़ा कोविड वैक्सीन प्रोग्राम भी शुरू होने जा रहा है। इसके लिए देश को अपने वैज्ञानिको के योगदान पर गौरव है। हर देशवासी अपने वैज्ञानिकों और टेक्नीशियनों का कृतज्ञ है।
आज हमारे वैज्ञानिक नेशनल एटॉमिक टाइम स्केल और भारतीय निर्देशक द्रव्य प्रणाली राष्ट्र को समर्पित कर रहे हैं। साथ ही देश की पहली नेशनल एनवायरमेंटल स्टैण्डर्ड लैबोरेटरी का शिलान्यास भी हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *