पीएम मोदी ने हरी झंडी दिखाकर देश की पहली चालक रहित (ड्राइवर लेस) मेट्रो का शुभारंभ कर दिया है। यह ट्रेन दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर जनकपुरी वेस्ट-बॉटेनिकल गार्डन कॉरिडोर पर 37 किलोमीटर के दायरे में आज से दौड़ेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सोमवार को इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके साथ ही उन्होंने एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) सेवा का भी शुभारंभ किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए याद किया कि उन्हें तीन साल पहले मजेंटा लाइन का उद्घाटन करने का मौका मिला और आज चालक रहित मेट्रो का उद्घाटन ये दिखाता है कि देश का विकास कितनी तेजी से हो रहा है।
आज का ये आयोजन अर्बन डेवलपमेंट को फ्यूचर रेडी कर रहा है।
भविष्य की जरूरतों के लिए खुद को और देश को तैयार करना हमारी प्राथमिकता है।
पहले भविष्य की जरूरतों को लेकर काम नहीं होता था। अधूरे मन से काम होता था। हमारे शहरों को भविष्य की चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार नहीं किया गया। इससे हमारे कई इलाके बड़े पीछे रह गए।
शहरीकरण को चुनौती न मानकर एक अवसर के रूप में इसे मानें।
2025 तक हम इसे 25 से ज्यादा शहरों में इसे विस्तार देने वाले हैं।
2014 में 17 लाख लोग प्रतिदिन यात्रा करते थे अब हर दिन 85 लाख लोग सफर करते हैं। ये इज ऑफ डूइंग बिजनेस के प्रमाण हैं। ये मिडिल क्लास की आकांक्षा पूरी होने के परिणाम हैं।
आखिर कैसे इतना तेज काम हुआ क्योंकि हमने शहरीकरण को चुनौती नहीं अवसर के रूप में देखा था।
हमारी सरकार ने मेट्रो के संबंध में पॉलिसी भी बनाई और इसे चौतरफा रणनीति के रूप में लागू भी किया।
हमने मेक इन इंडिया, आधुनिक टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर जोर दिया।
वाटर मेट्रो भी आउट ऑफ द बॉक्स सोच का परिणाम है।
इस तरह की अलग-अलग तरह की मेट्रो से अलग-अलग क्षेत्रों में आखिरी इंसान तक मेट्रो पहुंच सकेगी।
मेट्रो प्रदूषण कम करने का भी बहुत बड़ा जरिया है।
मेक इन इंडिया से लागत कम होती है, देश के लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलता है।
भारत में बनने से 12 करोड़ से 8 करोड़ हुई कोच की लागत।
दर्जनों कंपनियां मेट्रो के कंपोनेंट के निर्माण में जुटी हुई हैं।
आधुनिकीकरण के लिए एक ही तरह के मानक उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है और कॉम मोबिलिटी कार्ड इसके लिए एक बड़ा कदम है। इस एक कार्ड से आप पूरे देश में कहीं भी किसी भी यातायात के साधन से सफर कर सकेंगे।
मेट्रो में सफर करने वाले कार्ड की उपयोगिता अच्छे से जानते हैं और आज के समय में यात्रा करने के लिए समय नहीं गंवाया जा सकता इसलिए यह कार्ड उपयोगी है।
आज तमाम व्यवस्थाओं को एकजुट करके देश को आगे बढ़ाया जा रहा है। एक भारत श्रेष्ठ भारत की ओर यह बड़ा कदम है।
मेट्रो से जाम से मुक्ति मिली है।
वन नेशन वन टैक्स यानी जीएसटी से करों में आसानी हुई है।

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