अपने कंटेंट को लेकर अक्सर आलोचकों के निशाने पर रहने वाली बेब सीरीजों में आने वाले दिनों में अश्लीलता, हिंसा और गाली-गलौज नहीं होगी। सरकार ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म के नियमन के लिए जल्द ही दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे जिससे संवेदनशील सामग्री जैसे मुद्दों का समाधान होगा। रामनगरी अयोध्या को बनाया जाएगा वर्ल्ड क्लास सिटी, कनाडा की कंपनी को मिला जिम्मा
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान बताया कि ओटीटी प्लेटफार्म पर दिखाई जाने वाली सामग्री को लेकर कई शिकायतें मिल रही हैं और इसके नियमन के बारे में सुझाव भी मिले हैं। इसे एक महत्वपूर्ण विषय बताते हुए जावड़ेकर ने कहा कि इसके संबंध में दिशा-निर्देश तैयार किए जा चुके हैं और जल्द ही उन्हें लागू किया जाएगा।
इससे पहले भाजपा के महेश पोद्दार ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान इंटरनेट बेहद उपयोगी ऑनलाइन मंच के रूप में उभरा है और मनोरंजन के लिए ओटीटी प्लेटफार्म की लोगों तक पहुंच बढ़ी है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन इसमें दिखाई जाने वाली सामग्री और उसकी भाषा आपत्तिजनक होती है। इस मंच का नियमन किया जाना चाहिए।’
वेब सीरीजों का विवादों से पुराना नाता है। ओटीटी कंटेंट को लेकर आजकल सबसे अधिक विवाद ‘तांडव’ और ‘मिर्जापुर’ को लेकर छिड़ा हुआ है। दोनों अमेजन प्राइम वीडियोज की सीरीज हैं। भगवान शिव को दर्शने वाले कुछ दृश्यों पर आपत्ति के बाद निर्माताओं ने सीरीज पर थोड़ी कैंची चलाई थी। दोनों सीरीज का मामला अदालत पहुंच चुका है। वेब सीरीज से जुड़े हर विवाद के साथ ही सेंसरशिप की मांग भी की जाती रही है।
पिछले साल की सबसे चर्चित सीरीजों में शुमार अमेजन प्राइम की ‘पाताल लोक’ और एमएक्स प्लेयर की ‘आश्रम’ पर धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने के आरोप लगे। अल्ट बालाजी की सीरीज ‘एक्सएक्सएक्स’ के दूसरे सीजन में सेना के प्रतीकों को गलत ढंग से दर्शाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। इसमें एक दृश्य में सेना की वर्दी का गलत इस्तेमाल दिखाया गया था। अल्ट बालाजी और एकता कपूर को मुकदमे का सामना भी करना पड़ा था। बाद में एकता कपूर ने सेना से माफी मांगी थी।