राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ शुक्रवार को बजट सत्र की शुरुआत हो गई। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा। भारत जब-जब एकजुट हुआ है, तब-तब उसने असंभव से लगने वाले लक्ष्यों को प्राप्त किया है।’ उन्होंने राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत कवि, असम केसरी, अंबिकागिरि रायचौधरी की कुछ पंक्तियों का जिक्र किया। ये पंक्तियां हैं, ‘ओम तत्सत् भारत महत, एक चेतोनात, एक ध्यानोत, एक साधोनात, एक आवेगोत, एक होइ ज़ा, एक होइ ज़ा।’ राष्ट्रपति ने इन पंक्तियों अर्थ भी बताया, उन्होंने कहा, ‘भारत की महानता परम सत्य है।
भारत जब-जब एकजुट हुआ है, तब-तब उसने असंभव से लगने वाले लक्ष्यों को प्राप्त किया है।’ उन्होंने राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत कवि, असम केसरी, अंबिकागिरि रायचौधरी की कुछ पंक्तियों का जिक्र किया। ये पंक्तियां हैं, ‘ओम तत्सत् भारत महत, एक चेतोनात, एक ध्यानोत, एक साधोनात, एक आवेगोत, एक होइ ज़ा, एक होइ ज़ा।’ राष्ट्रपति ने इन पंक्तियों अर्थ भी बताया, उन्होंने कहा, ‘भारत की महानता परम सत्य है। एक ही चेतना में, एक ही ध्यान में, एक ही साधना में, एक ही आवेग में, एक हो जाओ, एक हो जाओ।’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘ महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया। हम सभी के प्रिय और मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन भी कोरोना काल में हुआ। संसद के 6 सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए। मैं सभी के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मुझे संतोष है कि मेरी सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है। आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ ही मेरी सरकार ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े।’ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के माध्यम से 8 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को 5 किलो प्रतिमाह अतिरिक्त अनाज निशुल्क सुनिश्चित किया गया। सरकार ने प्रवासी श्रमिकों, कामगारों और अपने घर से दूर रहने वाले लोगों की भी चिंता की। महामारी के कारण शहरों से वापस आए प्रवासियों को उनके ही गांवों में काम देने के लिए मेरी सरकार ने छह राज्यों में गरीब कल्याण रोजगार अभियान भी चलाया।’
बजट सत्र शुक्रवार, 29 जनवरी से शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम राजनीतिक नेता संसद पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आगामी दशक भारत के विकास के लिए अहम है। हमें अपने देश की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले महान स्वतंत्रता सेनानियों की सीख को याद रखना होगा। संसद के इस सत्र में व्यापक चर्चा होगी।’ लेफ्ट पार्टियों के सांसदों ने कृषि कानूनों को रद करने के लिए संसद की तरफ विरोध प्रदर्शन मार्च निकाला। 1 फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इस दशक का आज पहला सत्र प्रारंभ हो रहा है, भारत के उज्जवल भविष्य के लिए ये दशक बहुत ही महत्वपूर्ण है। आज़ादी के दिवानों ने जो सपने देखे थे उन्हें सिद्ध करने का स्वर्णिम अवसर अब देश के पास आया है। भारत के इतिहास में साल 2020 में पहली बार हुआ कि हमें अलग-अलग पैकेज के रूप में चार-पांच मिनी बजट देने पड़े। इसलिए मुझे विश्वास है कि ये बजट भी उसी श्रृंखला में देखा जाएगा।’
आज से शुरू हो रहे सत्र के मद्देनजर संसद परिसर की सुरक्षा जांच की गई। बता दें कि बजट सत्र हंगामेदार होने की पूरी संभावना है। कृषि कानूनों को लेकर सरकार और विपक्ष में तकरार के आसार हैं। हालांकि गुरुवार को कांग्रेस समेत 16 विपक्षी पार्टियों की ओर से कहा गया कि वे आज होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे। वहीं बीजू जनता दल ने इससे दूरी बनाई है और कहा है कि वह संसद में उपस्थित रहकर हर मुद्दे पर अपनी बात रखेगा।
संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने विपक्षी दलों द्वारा राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए भी कभी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार नहीं किया। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल जिन मुद्दों को लेकर बहिष्कार करने जा रहे उन्हें धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान भी उठाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि सांसदों को सभाकक्ष के अलावा गैलरी और कॉरिडोर में भी बिठाया जाएगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण यानि आज और बजट भाषण यानि 1 फरवरी को सेंट्रल हॉल में सांसदों के बैठने का इंतजाम होगा।कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इस बार बजट की प्रति, दस्तावेज और आर्थिक सर्वेक्षण सदन के पटल पर रखे जाने के बाद ऑनलाइन/डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे। इसकी कागज की प्रतियां उपलब्ध नहीं होगी। साथ ही कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत पिछले मानसून की तरह लोकसभा एवं राज्यसभा की कार्यवाही पांच-पांच घंटे की होगी और इसे अलग-अलग शिफ्ट में संचालित किया जाएगा। राज्यसभा सुबह और लोकसभा शाम को संचालित होगी। बजट सत्र के दौरान दो अध्यादेशों को कानून का रूप देने का प्रयास किया जाएगा। बजट सत्र में प्रश्नकाल आयोजित होगा।