कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान की सही तरीके से तैयारी नहीं की गई और इसका क्रियान्वयन भी ‘अयोग्यतापूर्वक’ किया गया। उन्होंने यह भी कहा, ”हमारे जवानों को जब चाहे तब शहीद होने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता।”
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर शनिवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बल के 22 जवान शहीद हो गए हैं तथा 31 अन्य जवान घायल हुए हैं। राहुल गांधी ने सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह के एक बयान से जुड़ी खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ”अगर खुफिया नाकामी नहीं थी तो फिर 1:1 के अनुपात में मौत का मतलब यह है कि इस अभियान की योजना को खराब ढंग से तैयार किया गया तथा अयोग्यतापूर्वक इसका क्रियान्वयन किया गया।”
उन्होंने यह भी कहा, ”किसी भी भारतीय जवान को 21 वीं सदी में शारीरिक सुरक्षा कवच के बिना दुश्मन का सामना नहीं करना चाहिए। यह हर सैनिक को उपलब्ध कराया जाना चाहिए।”
उधर, अधिकारियों ने बताया कि इस मुठभेड़ में शहीद हुए 22 जवानों में सीआरपीएफ के आठ जवान शामिल हैं, जिसमें से सात कोबरा कमांडो से जबकि एक जवान बस्तरिया बटालियन से है। शेष डीआरजी और विशेष कार्यबल के जवान हैं। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के एक इंस्पेक्टर अब भी लापता हैं।