कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से मार्च के बाद केंद्र और राज्यों के कमाई का ग्राफ तेजी से गिरा। लॉकडाउन किए जाने से अप्रैल के बाद कई महिनों तक आर्थिक गतिविधियां ठप रहीं जिसकी वजह से जीएसटी कलेक्शन काफी कम हुआ। चालू वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी कलेक्शन में गिरावट की भरपाई के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों के सामने दो विकल्प रखा। सभी राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्र सरकार के पहले विकल्प का चयन किया। इस व्यवस्था के तहत केंद्र सरकार राज्यों की ओर से कर्ज लेकर जीएसटी क्षतिपूर्ति जारी करती है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को 10वीं किस्त के रूप में राज्यों को 6 हजार करोड़ रुपये जारी किया है।
केंद्र सरकार अबतक कुल 60 हजार करोड़ रुपये जारी कर चुकी है। सोमवार को जारी हुए 6000 करोड़ में से 5,516.60 करोड़ रुपये सिर्फ 23 राज्यों के लिए जारी किया गया है। वहीं 483.40 करोड़ रुपये 3 संघ शासित प्रदेशों दिल्ली, जम्मू कश्मीर और पुद्दुचेरी के लिए जारी किया गया है। जबकि 5 राज्य अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम जीएसटी लागू किए जाने से राजस्व का कोई नुकसान नहीं उठा रही है।
जीएसटी क्षतिपूर्ति अंतर का 50 फीसदी से अधिक का रकम केंद्र सरकार ने राज्यों को जारी कर दिया है। केंद्र सरकार राज्यों की ओर से 4.15 फीसदी ब्याज दर पर कर्ज लेकर राज्यों को क्षतिपूर्ति दे रही है। केंद्र सरकार ने औसतन 4.69 फीसदी की ब्याज दर से अब तक 10 किस्तों में 60 हजार करोड़ रुपये कर्ज लेकर राज्यों को जारी किया है।