केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति किसी एक विभाग या सरकार की नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र की है और देश में ज्ञान, विज्ञान, अनुसंधान एवं नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिये आमूलचूल बदलाव के साथ इसे लाया गया है।
निशंक ने ‘इंटरनेशनल मोनोलिथिक कांफ्रेंस’ को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, ”भारत की नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की दुनियाभर में सराहना की जा रही है। यह ज्ञान, विज्ञान, अनुसंधान, सामाजिक विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के जरिये वैश्विक प्रतिस्पर्धा का आधार बढ़ाने में सक्षम है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात के शिक्षा मंत्री ने डिजिटल माध्यम से बैठक में अपने यहां इसे लागू करने की इच्छा व्यक्त की थी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने सराहना की है, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने भी नयी शिक्षा नीति की प्रशंसा की। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया और मॉरिशस ने भी नीति की सराहना की।
निशंक ने कहा कि एक कालखंड में हम इन चीजों को भूल गए थे, हमें इनके बारे में बताया नहीं गया, सिखाया नहीं गया। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह समानता एवं भारत की जरूरतों पर आधारित है और इसकी प्रकृति राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों है, इसे व्यापक परामर्श के बाद लाया गया है।